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Bihar में भाजपा नेताओं की बढ़ी टेंशन! इस मुद्दे को लेकर मुखर हो रहे, बदलाव के लिए मंत्री को लिख रहे पत्र

Bihar Politics राज्य में हाल ही में लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू ने कई सीटें गंवा दीं। वहीं अब अगले वर्ष विधानसभा चुनाव स‍िर पर हैं। ऐसे में भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ी हुई है। दरअसल बिहार में किसानों की जमीन कई प्रोजेक्‍ट्स में अध‍िग्रहित की जा रही हैं लेकिन उन्‍हें मुआजवा पुरानी दर से द‍िया जा रहा है।

By Raman Shukla Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 16 Jun 2024 05:44 PM (IST)
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भाजपा नेताओं ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप जायसवाल को ज्ञापन सौंपा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में मुआवजे की पुरानी दर को लेकर किसानों के बीच आक्रोश पनप रहा है। लगभग डेढ़ दशक पुरानी दर पर सड़क निर्माण समेत अन्य परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण हो रहा है। अभी राज्य में कई बड़ी सड़क परियोजनाओं का काम प्रगति पर है।

उसके लिए ली जाने वाली जमीन के एवज में मुआवजा वर्ष-2012 की दर से दिया जा रहा है। इस कारण जमीन देने से लोग कतरा रहे हैं। इस बीच किसानों में पनप रहे आक्रोश से जनप्रतिनिधियों की चिंता बढ़ गई है।

मंत्री को सौंपा ज्ञापन

पार्टी के ढाका विधायक पवन जायसवाल ने तो राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप जायसवाल को ज्ञापन देकर सरकार का ध्यान किसानों की समस्या की ओर आकृष्ट भी किया है।

मुख्य सचिवालय स्थित मंत्री के कक्ष में सौंपे ज्ञापन में पवन ने कहा है कि भारतमाला सड़क परियोजना के तहत चोरमा-पकड़ीदयाल-ढाका फुलवरिया घाट में जमीन अधिग्रहण की राशि का भुगतान किए बिना संवेदक द्वारा ढाका-फुलवरिया रोड में जबरन कार्य शुरू कर दिया गया है।

किसानों ने जताया विरोध

किसानों का विरोध यहां इस बात को लेकर है कि वर्ष-2024 की जगह वर्ष-2012 की दर से नोटिस जारी कर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। विधायक के अनुरोध पर मंत्री ने भरोसा दिया है कि विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा कर किसानों की मांग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कराएंगे। इसी तरह की समस्या भभुआ और बक्सर में भी है।

भाजपा के चिरैया विधायक लालबाबू प्रसाद के पास भी ऐसी शिकायतें आईं हैं। लालबाबू का कहना है कि किसान काफी क्षुब्ध हैं। जनप्रतिनिधियों के पास कोई जवाब नहीं है।

पूर्व पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम के अलावा भाजपा की पूर्व विधायक रिंकी पांडेय और बक्सर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे मिथिलेश तिवारी भी इस संदर्भ में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का ध्यान आकृष्ट कर चुके हैं।

रोज कोई न कोई विधायक ला रहा समस्‍या

बकौल, डा. दिलीप जायसवाल किसानों के साथ जनप्रतिनिधियों की समस्या की गंभीर वजह यह है कि 2012 के सर्किल रेट का पुनरीक्षण ही नहीं किया गया। इस वजह से प्रतिदिन कोई न कोई विधायक अपने क्षेत्र के किसानों की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं।

दूसरी ओर इस वजह से दर्जनों बड़ी परियोजनाएं भी लंबित हैं। रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कारिडोर, गोरखपुर-किशनगंज हाई स्पीड कारिडोर, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे जैसी सड़क परियोजना को लेकर किसान परेशान हैं।

रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से गुजरने जा रहा है, जबकि गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर राज्य के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिलों से होकर गुजरने वाली है।

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