आरक्षण को ले नीतीश सरकार के मंत्री ने केंद्र पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- पीएम हस्तक्षेप करें; साेनिया से भी अपील
आरक्षण को ले एक बार फिर मुद्दा गरमाने की उम्मीद है। नीतीश सरकार में शामिल मंत्री श्याम रजक ने आरक्षण को ले केंद्र पर बड़ा आरोप लगाया है। पीएम मोदी समेत अन्य को पत्र भी लिखा है।
By Rajesh ThakurEdited By: Updated: Sat, 25 Apr 2020 06:35 PM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। पूरे देश में कोरोना संकट से हर कोई त्रस्त है। लॉकडाउन का बिहार में भी पालन हो रहा है। लेकिन इसी बीच सियासत भी तेज है। अब नीतीश सरकार में शामिल मंंत्री श्याम रजक ने केंद्र पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्हाेंने कहा है कि कोरोना संकट के बीच आरक्षण से छेड़छाड़ की कोशिश की जा रही है। इसे समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और इसमें हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने यह पत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी भेजा है। इधर, राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चा को मानें तो आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकता है।
उद्योग मंत्री श्याम रजक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करें। अभी संसद का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए वक्तव्य देकर आश्वस्त करें कि इन समूहों के आरक्षण की सुविधा के साथ छेड़छाड़ न की जाए। रजक ने कहा कि कोरोना के संकटपूर्ण दौर में भी आरक्षण को अप्रभावी करने की कोशिश कुछ निर्णायक संस्थाओं की ओर से हो रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान व बसपा अध्यक्ष मायावती सहित सभी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर वंचितों को आरक्षण से वंचित करने की मुहिम के खिलाफ कारगर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर का मामला उठाकर कटुता का माहौल पैदा किया जा रहा है। ऐसी कोशिशों से यह समाज कुंठित महसूस कर रहा है। उन्हें लग रहा है कि प्रभावशाली समूह कहीं संविधान प्रदत्त आरक्षण के अधिकार से वंचित न कर दे।
मंत्री ने कहा कि तमाम सुधारों के बावजूद अनुसूचित जाति, जनजाति समूह के लोग आज भी छुआछूत के शिकार हो रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में भले ही कम हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ऐसे में अगर आरक्षण पर प्रहार हुआ तो यह समाज चुप नहीं बैठेगा।
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