Bihar Politics: बिहार आए विनोद तावड़े को करारा झटका, मीटिंग में नहीं पहुंचे BJP के हारे तीन प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव परिणाम के 22 दिन बाद बिहार बीजेपी प्रभारी पटना पहुंचे। यहां पर आते ही उनको करारा झटका लगा। बिहार प्रभारी तावड़े के बुलावे पर भाजपा के हारे तीन प्रत्याशी नहीं आए। बता दें कि विनोद तावड़े लोकसभा चुनाव परिणाम के 22 दिन बाद प्रदेश संगठन की नब्ज टटोलने पहुंचे हैं। उन्होंने भाजपा कोटे से राज्य सरकार में सम्मिलित मंत्रियों के साथ भी बैठक की।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar BJP Vinod Tawde लोकसभा चुनाव में भाजपा की पांच समेत राजग की नौ सीट गंवाने के बाद गुरुवार को पटना पहुंचे बिहार प्रभारी विनोद तावड़े को करारा झटका लगा है। बिहार प्रभारी के बुलावे पर पार्टी के हारे हुए तीन सांसद नहीं आए।
इसमें आरा से प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिंह एवं पाटलिपुत्र के पूर्व सांसद राम कृपाल यादव के नाम सम्मिलित हैं।
वहीं, बतौर प्रदेश महामंत्री दो प्रत्याशी बक्सर से चुनाव हारे मिथिलेश तिवारी एवं सासाराम से मुंह की खाने वाले शिवेश राम तावड़े के समक्ष उपस्थित हुए। दोनों ने अपनी-अपनी हार के कारणों से प्रभारी को अवगत कराया।
22 दिन बाद प्रदेश प्रभारी पहुंचे पटना
चुनाव परिणाम के 22 दिन बाद प्रदेश प्रभारी पटना पहुंचे थे। इस दौरे का मकसद लोस चुनाव परिणाम की समीक्षा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पिछली बार जीती हुई अपनी पांच सीटें गवां दी है। औरंगाबाद, पाटलिपुत्र, सासाराम, आरा और बक्सर लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है। हार के पीछे की कई वजहें हैं।
अपनों ने ही दिया झटका
अबकी बार बिहार में भाजपा ने 17 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे।। इनमें से 12 लोस सीटों पर जीत मिली। पांच प्रत्याशी चुनाव हार गए। हारे हुए प्रत्याशी, रामकृपाल यादव, शिवेश राम, आरके सिंह, मिथिलेश तिवारी और सुशील कुमार सिंह को पटना बुलाया गया था, लेकिन इनमें तीन प्रत्याशी बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे।
दो प्रत्याशियों ने संगठन के कई नेताओं ने पर भितरघात का आरोप मढ़ा। इस वजह से उनकी हार हुई। तावड़़े ने इसके बाद पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक ली।
भाजपा के मंत्रियों को पांच बिंदु पर दिया टास्क
हारे हुए प्रत्याशियों से फीडबैक लेने के बाद तावड़े ने नीतीश सरकार में सम्मिलित भाजपा कोटे के मंत्रियों की बैठक ली। इस दौरान पांच बिंदुओं पर काम करने का टास्क दिया। इसमें दो-दो महत्वाकांक्षी योजना को चिह्नित कर सीधे जनता से संवाद कायम करने।
संगठन से जुड़े पार्टी पदाधिकारियों के साथ शिकायत का समाधान कराने के लिए समन्वय स्थापित करने की बात कही। रोस्टर बनाकर किसी एक जिले का दौर करने के अलावा जिलों में पार्टी पदाधिकारियों एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।
पांच जुलाई को केंद्र सरकार में एनडीए के सभी मंत्रियों के अभिनंदन समारोह में सहभागिता के अतिरिक्त 12 जुलाई को होने वाली पार्टी की बड़ी बैठक में तैयारी के निर्देश दिए।
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