New Criminal Laws: 1 जुलाई से लागू हो रहे तीन नए कानून, नागरिकों को मिलेंगी कई नई सेवाएं; पुलिस तैयार
New Criminal Laws एक जुलाई से बिहार के साथ देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। वहीं अंग्रेजों के जमाने के नियम-कानून और पुरानी धाराएं भी बदल जाएंगे। इस नए नियम के लागू होने से पहले बिहार पुलिस को प्रशिक्षण दिया गया है। अबतक 25 हजार पदाधिकारियों को नए आपराधिक कानून को लेकर प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
राज्य ब्यूरो, पटना। एक जुलाई से बिहार समेत देशभर में तीन नए आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम) लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही अंग्रेजों के जमाने से चली आ रहीं पुरानी धाराएं और नियम-कानून काफी हद तक बदल जाएंगे।
बिहार पुलिस भी नए कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अभी तक बिहार पुलिस के 25 हजार पदाधिकारियों को नए आपराधिक कानून, विधि-विज्ञान और डिजिटल पुलिसिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, एक जुलाई को राज्य के सभी थानों में नए कानूनों की जानकारी देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी थानाध्यक्षों को स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नए आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।
थानाें में पदस्थापित महिला पुलिस पदाधिकारी महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रविधानों के बारे में आमलोगों को अवगत कराएंगी। बिहार पुलिस के द्वारा नए आपराधिक कानून के अंतर्गत किए गए बड़े बदलाव के संबंध में थानों को एक पुस्तिका उपलब्ध कराई गई है, जिसे थानाध्यक्ष आमंत्रित नागरिकों के बीच वितरित करेंगे।
सिपाही से एडीजी तक को मिला प्रशिक्षण
इसी माह दस जून को ज्ञान भवन में डीजीपी आरएस भट्टी ने पुलिस पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। पांच चरणों में 25 हजार पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें सिपाही से लेकर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रैंक तक के अधिकारी शामिल हुए।
पुलिस पदाधिकारियों को पुराने कानून से नए कानून में हुए बदलाव, नए कानून की मुख्य विशेषताएं, जोड़ी व हटाई गईं महत्त्वपूर्ण धाराएं और पुराने व नए कानून की धाराओं का तुलनात्मक चार्ट दिया गया। अनुसंधानकर्ता (आइओ) को घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करने, घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने का प्रशिक्षण विधि-विज्ञान विशेषज्ञों ने दिया।
नागरिकों को मिलेंगी कई नई सेवाएं
नए कानून लागू होने के बाद जल्द ही राज्य के प्रत्येक थाने डिजिटल तो जुड़ेंगे ही, इसके माध्यम से कई तरह की नागरिक सेवाएं भी आनलाइन उपलब्ध होंगी। वर्तमान में एससीआरबी की वेबसाइट ( https://scrb.bihar.gov.in/) पर प्राथमिकी डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है।
इसके अलावा जल्द ही गुम/खो गई संपति की रिपोर्ट, लापत्ता व्यक्ति की रिपोर्ट, घरेलू सहायक का पूर्व चरित्र सत्यापन, ड्राइवर का पूर्व चरित्र सत्यापन, वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण और किरायेदार का पूर्व चरित्र सत्यापन आदि की सुविधा भी मिलेगी।
थानों को ई-मेल भेज दर्ज कराएं शिकायत
बिहार पुलिस की वेबसाइट (https://police.bihar.gov.in/) में भी बदलाव किया गया है। अब वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी वर्जन में उपलब्ध हैं। वेबसाइट के होम पेज पर नए आपराधिक कानून का आइकन (प्रतीक चिह्न) बना हुआ है, जिसे क्लिक करने पर तीनों नए आपराधिक कानून से जुड़ी जानकारी मिलेगी।
साथ ही शिकायत एवं सुझाव के लिए भी एक आइकन बना हुआ है, जिसमें राज्य के सभी थानों के नंबर एवं ई-मेल आईडी की जानकारी दी गई है। थानों के ई-मेल आईडी के माध्यम से संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
हर जिले में मोबाइल फोरेंसिक यूनिट
प्रत्येक जिले में मोबाइल फोरेंसिक की व्यवस्था की गई है। इसके लिए विधि-विज्ञान विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति की गई है। अब गंभीर घटना में फोरेंसिक विशेषज्ञों एवं उपकरणों के साथ घटनास्थल पर त्वरित पहुंच कर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, फिंगरप्रिंट एवं अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करना अनिवार्य होगा।
इससे न्याय व्यवस्था मजबूत होगी और दोषियों को सजा मिल सकेगी। प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति का फिंगरप्रिंट भी डाटाबेस में दर्ज किया जाएगा। इससे आपराधिक घटनास्थल पर मिलने वाले फिंगरप्रिंट का त्वरित मिलान पूरे देश में गिरफ्तार व्यक्तियों के डाटाबेस से किया जा सकेगा।
इससे अपराध के उद्भेदन एवं अभियुक्तों को सजा दिलाने में वृद्धि होगी। प्रत्येक पुलिस पदाधिकारी को स्मार्टफोन एवं लैपटाप भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे पीडि़त व गवाहों के बयान भी दर्ज किए जा सके।
ये भी पढ़ें-
बिहार में एक और कारनामा! अब निर्माणाधीन पुल में आई दरारें, पूछने पर सवालों से भाग रहे अधिकारी