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रेलवे की विशेष जांच में 48 टिकट दलाल गिरफ्तार, 1.52 लाख के टिकट जब्त; त्योहारी मौसम में हो जाते हैं ज्याद एक्टिव

Railway Ticket Broker क्या आपने टिकट दलालों के बारे में सुना है? ये लोग टिकट लेकर उन्हें ब्लैक में बेचते हैं। त्योहारी मौसम में टिकट दलाल काफी एक्टिव हो जाते हैं। रेलवे ने इन्हें दबोचने के लिए विशेष जांच अभियान चलाया हुआ है जिस अभियान के तहत 48 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 1.52 लाख रुपये के टिकट मिले हैं।

By Jitendra KumarEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 22 Oct 2023 12:52 PM (IST)
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रेलवे की विशेष जांच में 48 टिकट दलाल गिरफ्तार, 1.52 लाख के टिकट जब्त
जागरण संवाददाता, पटना। टिकट दलालों के खिलाफ रेलवे ने सख्ती से निपटना शुरू कर दिया है। रेलवे द्वारा चलाए गए विशेष जांच अभियान में 48 टिकट दलाल गिरफ्तार किए गए हैं। साथ ही 1.52 लाख रुपये के टिकट भी जब्त किए गए।

रेलवे की ओर से 20 अक्टूबर को अवैध टिकट खरीद-बिक्री के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान कुल 48 टिकट दलालों को हिरासत में लिया गया। साथ ही इन टिकट दलालों के पास से 1.52 लाख रुपये के 77 यात्रा टिकट बरामद किए गए।

रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई

वहीं, उपयोग किए गए 650 यात्रा टिकट मिले हैं, जिनकी राशि 10.43 लाख रुपये थी। पकड़े गए सभी दलालों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। रेलवे की ओर से टिकट दलालों के खिलाफ जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अधिकृत काउंटर से ही टिकट की खरीद करें।

पार्सल की साइकिल नहीं मिलने पर रेलवे को देना पड़ा हर्जाना

हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के बागदुल्हन मोहल्ला निवासी अशोक कुमार ने राजस्थान के कोटा जंक्शन से एक साइकिल पश्चिमी चंपारण जिले के मेहसी स्टेशन के लिए पार्सल बुक की थी। करीब ग्यारह वर्ष पूर्व 26 मार्च 2012 को पार्सल बुक की गई साइकिल उन्हें नहीं दी गई।

इसके बाद उपभोक्ता ने रेलवे ट्रीब्यूनल में दावा किया, लेकिन वहां से किए गए दावा आदेश में कम राशि दिए जाने पर इस राशि को नही लेकर अशोक कुमार ने उपभोक्ता फोरम में 20 मई 2013 को मामला दायर कर दिया।

इस मामले में पूर्व मध्य रेलवे के व्यवसायिक प्रबंधक, दावा प्रभाग के मुख्य व्यवसायिक प्रबंधक, कोटा जंक्शन के स्टेशन मास्टर तथा मेहसी स्टेशन मास्टर को आरोपित किया गया था।

इस मामले में सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने अपना फैसला जारी करते हुए उपभोक्ता को नौ हजार हर्जाना राशि भुगतान करने का आदेश मुख्य व्यवसायिक प्रबंधक को दिया है।

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