CoronaVirus को हराने के लिए बिहार के युवक ने बना डाला प्रोटेक्टिव छाता, Video से जानिए खूबी
CoronaVirus कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरी दुनिया परेशान है वहीं बिहार के एक युवक ने कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षा पाने के लिए अनोखा आविष्कार किया है। इसे अप्रूवल के लिए भेजा।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Fri, 03 Apr 2020 12:46 PM (IST)
औरंगाबाद, मुकेश कुमार। कोरोना को लेकर जब पूरी दुनिया में हाय-तौबा मची है। वहीं इस बीच बिहार के औरंगाबाद जिले के एक युवक ने कोरोना से बचाव की नई खोज कर सबको एक राहत भरी खबर दी है। आज दुनिया की महाशक्ति अमेरिका भी कोरोना के कहर के सामने घुटने टेक चुकी है। पूरी दुनिया बचाव के रास्ते ढूंढ रही है। वहां एक छोटे-से गांव से निकलकर आई इतनी बड़ी खोज की खबर आज चारों ओर चर्चा का विषय बनी हुई है।
युवक ने कोरोना से बचाव के लिए प्रोटेक्टिव अंब्रेला बनाया है जो दिखने में तो साधारण छाते की तरह है, लेकिन इस छाते की खासियत यह है कि छाता खुलने के साथ ही यह आपके पूरे शरीर को सेनिटाइज कर डालता है। साथ ही हैंड सेनिटाइजिंग की अलग से छाते के भीतर ही सुविधा है। इतना ही नहीं मास्क तथा दूसरी तमाम खूबियों को भी इसमें शामिल किया गया है। जो कोरोना से रक्षा में कारगर साबित हो सकता है। इस युवक को सरकार की तरफ से इस स्पेशल छाते को मान्यता दिए जाने का इंतजार है।
प्रोटेक्टिव छाते में क्या है खूबियांसबसे पहले स्मार्ट कोरोना प्रोटेक्टिव अंब्रेला ऑटोमैटिक सेनिटाइज युक्त है। इसके अंदर हैंडवॉश व मास्क की सुविधा उपलब्ध है। जरूरत के हिसाब से इसको प्रयोग में ला सकते है। यह छाता आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। कहने का तात्पर्य यह है कि जैसे सामान्य छाते को हम अपने साथ ले जाते है। वैसे इसे भी लेकर कहीं भी आ-जा सकते है। इसके अलावा आप आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकते है। यह छाता पूरी तरह से कोरोना वायरस से बचाव करने में कारगर साबित होगा। इसकी कीमत महज तीन सौ रुपये रखी गई है,जबकि सामान्य छाता भी बाजार में सौ से डेढ़ सौ रुपये में मिलता है।
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— kajal lall (@lallkajal) April 2, 2020
कैसे करता है हैंड सेनिटाइजिंगयुवक ने वीडियो के जरिए बताया कि जैसे ही हम छाता को यूज के लिए खोलते हैं तो इसके अंदर लगा हुआ एक सिरींज है जो अपनेआप दब जाता है। जिसके माध्यम से छाते के अंदर लगा हुआ सेनिटाइजर चारों तरफ फैल कर स्प्रे हो जाता है और छाता पूरी तरह से सैनिटाइज हो जाता है। इस तरह से छाता यूज करने वाला व्यक्ति भी पूरी तरह से सुरक्षित हो जाता है।
इसके अलावा अगर व्यक्ति को ऑन द स्पॉट सेनिटाइजर की आवश्यकता हो तो छाते ही हैंडल के पास एक बटन लगा होता ह, जिसे दबाने से उसे तुरंत सेनिटाइजर मिलता है और वह अपने आप को भी तत्काल सेनिटाइज कर सकता है। इसके अंदर जो हैंडवॉश मौजूद है। उसे हम अपनी जरूरत के हिसाब से यूज कर सकते है।अप्रूवल के लिए भेजा सीएसआइआर को
विनीत ने बताया उसका ये प्रोटेक्टिव अंब्रेला, छाता निर्माण के बाद पेंटेंट के लिए सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रीसर्च) को भेजा गया है। इसके लिए उसने दो दिन पहले मेल के द्वारा इंस्टीट्यूट को सूचित किया है। हालांकि, अभी तक कोई सकारात्मक जवाब वहां से नहीं आया है।कौन है युवकविनीत सदर प्रखंड के भरथौली के समीप स्थित देवहारा गांव निवासी धनेश प्रजापति व सुनीता देवी का पुत्र है। वह बचपन से अब तक कई प्रोजेक्ट तैयार कर चुका है। प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने वाला औरंगाबाद का बाल वैज्ञानिक विनीत कुमार एक बार फिर अपने नए प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा में है।
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