Vishnupad Mandir Gaya: गयाजी धाम में बनेगा पर्यटन कॉरिडोर, 57.74 करोड़ रुपये होंगे खर्च; टेंडर जारी
गयाजी धाम विष्णुपद मंदिर में पर्यटन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 57.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है। छह अगस्त को प्री-बिड मीटिंग होगी जबकि टेंडर 12 अगस्त को खुलेगा। कॉरिडोर के पहले चरण का काम 24 माह यानी दो साल में पूरे करने का लक्ष्य है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Vishnupad Mandir Gaya गयाजी धाम विष्णुपद मंदिर में पर्यटन कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में काम शुरू हो गया है। कॉरिडोर के पहले चरण में विष्णुपद मंदिर में पाथवे-सह-शेड भवन, संरचना एवं मंदिर के लिए वैकल्पिक एप्रोच पथ और बस डिपो का निर्माण किया जाना है। इस पर करीब 57.74 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है। छह अगस्त को प्री-बिड मीटिंग होगी जबकि टेंडर 12 अगस्त को खुलेगा। इसके बाद एजेंसी का चयन कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
कॉरिडोर में क्या-क्या बनाया जाएगा?
पर्यटन विभाग के अनुसार, विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर के अंतर्गत तीर्थयात्रियों के बैठने की सुविधाओं के साथ मुख्य भवन का निर्माण, रिवर फ्रंट से मुख्य मंदिर तक 42 मीटर पथ का निर्माण, कैनोपी, शौचालय, पीने की पानी की सुविधा, पाथवे का विकास, पार्किंग क्षेत्र के पास पर्यटक सुविधा केंद्र और बस डिपो का निर्माण इत्यादि के निर्माण की योजना है।कॉरिडोर के पहले चरण का काम 24 माह यानी दो साल में पूरे करने का लक्ष्य है।
इसके अलावा, जल संसाधन विभाग द्वारा विष्णुपद मंदिर तक वैकल्पिक पहुंच पथ के निर्माण के साथ-साथ घुंघरीटांड बाईपास पुल से मुक्तिधाम तक फल्गु नदी पर बांध तथा एकीकृत जल निकासी कार्य इत्यादि से संबंधित कार्य की स्वीकृति की कार्यवाही भी की जा रही है।
वहीं, पथ निर्माण विभाग द्वारा पार्किंग, ड्रेन एवं मनसरवा नाला पर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति की कार्यवाही अपने स्तर से की जा रही है।
ये भी पढ़ें- Sawan 2024: इस बार सावन पर बन रहा दुर्लभ संयोग, क्या कहता है हिंदू पंचांग? एक-एक बात जानिएये भी पढ़ें- Sawan 2024: ये है बाबा भोलेनाथ का विश्वप्रसिद्ध मंदिर, त्रिशूल के अलौकिक दर्शन से पूरी होती है हर मनोकामना!
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।