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अब गांवों में भी रुकेंगे देश-विदेश से आनेवाले टूरिस्ट! नीतीश सरकार का 'मास्टरप्लान' तैयार, आप भी करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

देश-विदेश से बिहार की सैर करने आने वाले टूरिस्ट अब आपके गांवों में रुकेंगे। नीतीश सरकार ने इसके लिए होम स्टे योजना का विस्तृत प्लान तैयार तैयार किया है जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। योजना के तहत बिहार सरकार शहरी क्षेत्र में पर्यटन केंद्र से अधिकतम पांच किमी जबकि ग्रामीण इलाकों में दस किमी की परिधि में आनेवाले घरों को इस योजना से जुड़ने की तैयारी में है।

By Rajat Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 06 Aug 2024 12:01 PM (IST)
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पर्यटन विभाग ने इस होम स्टे योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार आने वाले पर्यटक जल्द ही पर्यटन स्थलों के आसपास गांव-घर में रुकेंगे। इसके लिए आमलोगों के घरों के ही एक हिस्से को गेस्ट हाउस का रूप दिया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इस होम स्टे योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में पर्यटन केंद्र से अधिकतम पांच किमी, जबकि ग्रामीण इलाकों में अधिकतम दस किमी की परिधि में आने वाले घर इस योजना के तहत जुड़ सकते हैं।

पर्यटन विभाग से कराना होगा निबंधन

होम स्टे योजना से जुड़ने के लिए मकान मालिकों को पर्यटन विभाग से निबंधन कराना होगा। निबंधन में यह देखा जाएगा कि पर्यटन स्थल से संबंधित गांव-घर की दूरी कितनी है? कितने कमरों का घर है? वहां कौन-कौन सी सुविधाएं हैं? सड़क से दूरी कितनी है? और सबसे अहम सुरक्षा-सफाई की क्या व्यवस्था है।

पर्यटन विभाग के मानक पर खरा उतरने के बाद ही होम स्टे याजना के तहत निबंधन होगा, जिसके बाद पर्यटक वहां रुक सकेंगे।

ग्रामीणों को पर्यटन निगम देगा प्रशिक्षण 

योजना में शामिल ग्रामीणों को पर्यटन निगम के द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। होम स्टे योजना के अंतर्गत रुकने वाले पर्यटकों से कैसे बात करनी है, उनसे कैसा व्यवहार करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी। पर्यटकों के खाने, परिवहन और अन्य सुविधाओं में भी ग्रामीणों का सहयोग लेने की योजना है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का होगा विस्तार

विभाग के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य पर्यटकों को पर्यटन केंद्रों के आसपास सस्ती दर पर आवासन की सुविधा उपलब्ध कराना तो है ही, ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराना भी है। इसके अलावा पर्यटन केंद्रों के आसपास रहने और ग्रामीण इलाकों में रुकने पर पर्यटक भी कुछ नया अनुभव हासिल करेंगे।

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