Navaratri: नवरात्र में मां दुर्गा के स्वागत को तैयार बिहार, कलश स्थापना कल; कोरोना काल में रौनक नहीं
शारदीय नवरात्रि शनिवार को शुरू हो रही है। इस दौरान शक्ति की देवी मां जगदंबा की आराधना के लिए पहले के सालों की तरह मेला की तैयारी तो नहीं दिख रही लेकिन सादगी से पूजा की तैयारियां की गईं हैं।
By Edited By: Updated: Fri, 16 Oct 2020 09:46 AM (IST)
पटना, जेएनएन। शारदीय नवरात्र शनिवार से शुरू हो रहा है। शक्ति की देवी मां जगदंबा की आराधना के पर्व शारदीय नवरात्र की रौनक शहर में दिखने लगी है। कोरोना संक्रमण के बीच इस बार दुर्गापूजा का आयोजन तमाम बंदिशों के बीच होना है। शहर की प्रमुख पूजा समितियां इस बार सादगीपूर्ण तरीके से मां दुर्गा की उपासना करेंगी। विशाल पंडालों की जगह छोटे मंडप बनाकर कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाएगी। पंडालों में मूर्तियां स्थापित करने को लेकर अभी थोड़ा असमंजस है। कुछ पूजा समितियां छोटी प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा करने की तैयारी में हैं।
शहर की 70 फीसद पूजा समितियां प्रति वर्ष जिस स्थान पर पूजा करती थीं, वही कलश पूजा करेंगी। शहर के डाकबंगला चौराहा, इनकम टैक्स गोलंबर, बो¨रग रोड चौराहा, बो¨रग केनाल रोड, बेली रोड स्थित शेखपुरा शिव मंदिर, शेखपुरा दुर्गा आश्रम सहित अन्य जगहों पर कलश स्थापना कर पूजा होगी। बंगाली अखाड़ा में छोटी प्रतिमा रखे जाने पर भी विचार चल रहा है।
कारीगर कर रहे मंडप का निर्माण
जिला प्रशासन की मनाही के कारण पूजा समितियां इस बार भव्य पंडाल और बड़ी प्रतिमाएं नहीं स्थापित कर रही हैं। परंपरा बरकरार रखने के लिए पूजा समितियां छोटे मंडप बना रही हैं। डाकबंगला चौराहा नवयुवक संघ दुर्गा पूजा समिति के कोषाध्यक्ष अमित कुमार बरूआ ने बताया कि इस बार 10 फीट ऊंचा और 10 फीट चौड़ा मंडप बनाया जा रहा है। 17 अक्टूबर को कलश स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा आरंभ हो जाएगी। वही इनकम टैक्स गोलंबर नव युवा मंच दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अजीत कुमार यादव ने बताया कि इस बार सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए मुजफ्फरपुर के कारीगरों से छोटा मंडप तैयार कराया जा रहा है। खाजपुरा शिव मंदिर दुर्गा पूजा समिति के सचिव अनिल कुमार ने बताया कि इस बार 20 फीट का पंडाल बनाए जा रहा है। कलश स्थापना कर बिना प्रतिमा स्थापित किए ही मां दुर्गा की आराधना होगी।
कालीबाड़ी मंदिर में नहीं स्थापित होगी प्रतिमा
शहर के प्राचीन कालीबाड़ी मंदिर में इस बार अलग से मां की प्रतिमा स्थापित नहीं होगी। मंदिर के अशोक चक्रवर्ती ने बताया कि इस बार कलश स्थापना कर मां की पूजा-अर्चना होगी। कलश स्थापना 21 अक्टूबर पंचमी तिथि को होगी। षष्ठी तिथि से भक्त मां का दर्शन कर सकते हैं। बंगाली अखाड़ा में परंपरा रहेगी बरकरारबंगाली अखाड़ा दुर्गापूजा पूजा समिति के अशोक घोषाल ने बताया कि परंपरा को देखते हुए इस बार केवल चार फीट ऊंची मां की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इसे बनाने के लिए कोलकाता के कलाकार नमई पाल आए हैं। प्रतिमा का दर्शन श्रद्धालु 21 अक्टूबर पंचमी तिथि के दिन से कर सकते हैं। इस दिन कलश स्थापित कर बंगाली पद्धति से मां की पूजा होगी।
17 अक्टूबर से शुरू हो रहा नवरात्र16 अक्टूबर को मलमास समाप्त हो रहा है। 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जाएगा। इस वर्ष माता का आगमन घोड़े पर और भैंसा पर विदाई होगी। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि माता का आगमन और गमन दोनों शुभ नहीं है। इसके कारण सत्ता परिवर्तन, महामारी, दुर्घटना, आर्थिक मंदी, युद्ध जैसी घटनाओं की आशंका है।
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