सिवान में ट्रिपल मर्डरः एक कागज की वजह से एक-एककर तीन को काटा, घायल बेटी ने सुनाई दास्तान
दारौंदा थाना क्षेत्र के भीखाबांध कोंहार टोली में रविवार की देर रात मुबारक अली ने अपनी पत्नी नसीमा खातून सास नजमा खातून एवं ससुर अलीसेन साईं की हत्या बैंक में 70 हजार रुपये फिक्स किए गए कागजात व आभूषण के लिए कर दी।
By Akshay PandeyEdited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 04:35 PM (IST)
संसू, दारौंदा (सिवान) : दारौंदा थाना क्षेत्र के भीखाबांध कोंहार टोली में रविवार की देर रात मुबारक अली ने अपनी पत्नी नसीमा खातून, सास नजमा खातून एवं ससुर अलीसेन साईं की हत्या बैंक में 70 हजार रुपये फिक्स किए गए कागजात व आभूषण के लिए कर दी। नसीमा की घायल पुत्री शबीना खातून ने बताया कि बैंक में मेरे नाम से 70 हजार रुपये की फिक्स डिपाजिट है। मेरे पिता देर रात आभूषण तथा फिक्स डिपाजिट के कागजात की मांग कर रहे थे। अम्मी द्वारा कागजात देने से इनकार करने पर इस घटना को पिता द्वारा अंजाम दिया गया।
एसपी ने घायल पुत्री से सुनी दास्तां
थाना क्षेत्र के भीखाबांध में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की जांच को एसपी अभिनव कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान घटना की एक मात्र प्रत्यक्षदर्शी मृत नसीमा की घायल पुत्री शबीना ने एसपी को आपबीती सुनाई। उसने बताया कि मेरी मां, नाना एवं नानी की हत्या मेरे पिता मुबारक अली ने कर दी। एसपी ने उसकी मां के मोबाइल नंबर एवं पिता के मोबाइल नंबर के बारे में पूछताछ की। ग्रामीणों ने बताया कि मुबारक अली उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला था। इसके बाद घायल बच्ची के मामा के विषय में जानकारी लेकर एसपी ने जांच के आदेश दिए।
थाना क्षेत्र के भीखाबांध में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की जांच को एसपी अभिनव कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान घटना की एक मात्र प्रत्यक्षदर्शी मृत नसीमा की घायल पुत्री शबीना ने एसपी को आपबीती सुनाई। उसने बताया कि मेरी मां, नाना एवं नानी की हत्या मेरे पिता मुबारक अली ने कर दी। एसपी ने उसकी मां के मोबाइल नंबर एवं पिता के मोबाइल नंबर के बारे में पूछताछ की। ग्रामीणों ने बताया कि मुबारक अली उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला था। इसके बाद घायल बच्ची के मामा के विषय में जानकारी लेकर एसपी ने जांच के आदेश दिए।
महाराजगंज से जनता बाजार के बीच टेंपो चलता था मुबारक
मुबारक अली अपने ससुराल भीखाबांध कोंहार टोली में रहकर भाड़े पर टेंपो चलाकर परिवार का खर्च चलाता था। वह महाराजगंज से जनता बाजार के बीच यात्रियों को पहुंचाने का काम करता था। घटना के बाद सोमवार की सुबह भी भीखाबांध नहर से होकर महाराजगंज जाने के दौरान स्थानीय लोगों ने उसे देखा लेकिन घर गांव से दूर होने के कारण किसी को हत्या की भनक नहीं लगी। ग्रामीणों ने समझा कि मुबारक अली प्रतिदिन टेंपो चलाने के लिए महाराजगंज पैदल जाता था इसलिए सोमवार को भी आम दिनों की तरह काम पर जा रहा है लेकिन जैसे ही मुबारक अली की पुत्री शबीना ने हिम्मत कर आसपास के लोगों को घटना की जानकारी ग्रामीण भौचक हो गए। इस दौरान देखते ही देखते काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी तथा घायल बच्ची का इलाज स्थानीय निजी अस्पताल में कराया।
मुबारक अली अपने ससुराल भीखाबांध कोंहार टोली में रहकर भाड़े पर टेंपो चलाकर परिवार का खर्च चलाता था। वह महाराजगंज से जनता बाजार के बीच यात्रियों को पहुंचाने का काम करता था। घटना के बाद सोमवार की सुबह भी भीखाबांध नहर से होकर महाराजगंज जाने के दौरान स्थानीय लोगों ने उसे देखा लेकिन घर गांव से दूर होने के कारण किसी को हत्या की भनक नहीं लगी। ग्रामीणों ने समझा कि मुबारक अली प्रतिदिन टेंपो चलाने के लिए महाराजगंज पैदल जाता था इसलिए सोमवार को भी आम दिनों की तरह काम पर जा रहा है लेकिन जैसे ही मुबारक अली की पुत्री शबीना ने हिम्मत कर आसपास के लोगों को घटना की जानकारी ग्रामीण भौचक हो गए। इस दौरान देखते ही देखते काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी तथा घायल बच्ची का इलाज स्थानीय निजी अस्पताल में कराया।
घनी बस्ती में घर रहता तो शायद न होती ऐसी घटना ग्रामीणों का कहना है कि अलीसेन साईं के घर के आसपास कोई घर नहीं है। उसका घर मुख्य सड़क से करीब पांच सौ मीटर अंदर खेत में है। वहां कोई भी घटना हो या कोई से मदद की मांग की जाए तो आवाज गांव तक नहीं पहुंचेगी। इसका फायदा मुबारक अली ने उठाया और घर में मौजूद मां, बेटी और पिता को मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों के अनुसार यदि उसका घर- घनी बस्ती में रहता ऐसी घटना शायद नहीं होती। पुत्री शबीना ने बताया कि घटना आधी रात की है। इस कारण मेरे नाना, नानी एवं मां की चीख-पुकार किसी के घर तक भी नहीं पहुंची।
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