दो चापाकल के भरोसे गांव के 500 घर, मजबूरी में लेना पड़ता है कुएं का सहारा Patna News
दुल्हिन बाजार के सिंघाड़ा गांव में मात्र दो चापाकल से पानी की आपूर्ति होती है। इस से ये अंदाजा लग गया है कि कुएं में जाने से हुई मौत की वजह पानी की जरूरत थी।
By Edited By: Updated: Wed, 04 Sep 2019 08:24 AM (IST)
पटना, जेएनएन। तीन जानें चली गईं फिर भी कुएं में जहरीली गैस की जांच के लिए कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, इसको लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं। मो. इस्लाम व दिनेश यादव ने बताया कि सिंघाड़ा गाव में छह सार्वजनिक कुएं व लगभग दस निजी कुएं हैं परन्तु अभी पानी का लेयर नीचे होने के कारण सभी कुएं सूखे पड़े हैं। अधिकाश कुएं की गहराई 50 से 60 फीट है। प्रशासनिक तौर पर मौत का कारण अगर जल्द पता नहीं चला तो लोग अपने कुएं को भर देंगे। बड़ी बात ये है कि इस गांव की 500 लोगों की आबादी पर केवल दो चापाकल ही उपलब्ध हैं।
पीएचडी विभाग को छोड़ दे तो कोई भी इस गाव में आजतक सुध लेने नहीं पहुंचा है। बता दें कि सोमवार को दुल्हिन बाजार के सिंघाड़ा गांव में कुएं की सफाई के दौरान सुरेश साव के पुत्र शंकर और गजेंद्र के साथ ही उनके भाई मोहन साव की मौत हो गई थी। घायल सुरेश साव को सोमवार को ही पटना एम्स से इलाज के बाद छुंट्टी दे दी गई थी।
पीड़ित परिवार को है काउंसिलिंग की जरूरत
पीड़ित परिजनों को स्वास्थ्य सेवा खासकर काउंसिलिंग की जरूरत है। दो पुत्रों को एक साथ खो देने के बाद सुरेश साव की पत्नी की हालत सबसे ज्यादा खराब है। वह रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं। परिजनों ने बताया कि मंगलवार की दोपहर से वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठी हैं। इसके अलावे घर के अन्य सदस्यों की स्थिति भी ठीक नहीं है। तत्काल परिजनों को मेडिकल चेकअप की जरूरत है, पर इन्हें देखने कोई सरकारी अमला नहीं पहुंचा है। सुरेश साव अपने दोनों बेटों की याद हर किसी को कहानी सुना-सुनाकर बेसुध हो जा रहे हैं।
कब दूर होगी पेयजल की समस्या
गांव में पेयजल की समस्या आज भी बनी हुई है। पिछले ढाई महीनों से गांव के कुएं व चापाकल सूखे पड़े हैं। सिघाड़ा गांव में कुल छह सार्वजनिक कुएं हैं पर सब सूखे पड़े हैं। गांव में कुल नौ हथिया चापाकल हैं लेकिन दो हाथी चापाकल ही चालू अवस्था में हैं। पीएचडी विभाग की टीम जेई विभूति नारायण सिंह के नेतृत्व में मंगलवार की दोपहर गांव पहुंची। मृतक के घर के आसपास एक सप्ताह में हथिया चापाकल चालू करने का आश्वासन दिया गया। चार माह पहले गांव में पूर्व मुखिया नौशाद अरशद उर्फ भाई बादशाह के प्रयास से एक सोलर पंप सेट बनवाया गया था। जो तेज धूप होने पर प्रतिदिन 9 बजे सुबह से शाम 4 बजे तक ऑटोमेटिक पानी देते रहता है।
इस पंप सेट पर गाव के लगभग 80 घरों की आबादी अपने दैनिक कार्य का निपटारा करती है। मो. चांद अंसारी, अनवर अहमद, विजेन्द्र यादव सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि रात के लिए भी पूरे गांव के लोग पेयजल इसी से भरकर रख लेते हैं। पीएचसी में हंगामे के बाद गठित जाच टीम के सदस्य प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी व अंचलाधिकारी राजीव कुमार मंगलवार शाम जाच के लिए पीएचसी पहुंचे। परंतु उस समय ड्यूटी में तैनात डॉक्टर कुमार आनद व पीएचसी प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिले, जिसकी वजह से जाच किए बिना टीम वापस लौट गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी ने बताया कि पूरे मामले की मॉनीट¨रग खुद जिलाधिकारी कर रहे हैं। जाच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।
पीएचडी विभाग को छोड़ दे तो कोई भी इस गाव में आजतक सुध लेने नहीं पहुंचा है। बता दें कि सोमवार को दुल्हिन बाजार के सिंघाड़ा गांव में कुएं की सफाई के दौरान सुरेश साव के पुत्र शंकर और गजेंद्र के साथ ही उनके भाई मोहन साव की मौत हो गई थी। घायल सुरेश साव को सोमवार को ही पटना एम्स से इलाज के बाद छुंट्टी दे दी गई थी।
पीड़ित परिवार को है काउंसिलिंग की जरूरत
पीड़ित परिजनों को स्वास्थ्य सेवा खासकर काउंसिलिंग की जरूरत है। दो पुत्रों को एक साथ खो देने के बाद सुरेश साव की पत्नी की हालत सबसे ज्यादा खराब है। वह रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं। परिजनों ने बताया कि मंगलवार की दोपहर से वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठी हैं। इसके अलावे घर के अन्य सदस्यों की स्थिति भी ठीक नहीं है। तत्काल परिजनों को मेडिकल चेकअप की जरूरत है, पर इन्हें देखने कोई सरकारी अमला नहीं पहुंचा है। सुरेश साव अपने दोनों बेटों की याद हर किसी को कहानी सुना-सुनाकर बेसुध हो जा रहे हैं।
कब दूर होगी पेयजल की समस्या
गांव में पेयजल की समस्या आज भी बनी हुई है। पिछले ढाई महीनों से गांव के कुएं व चापाकल सूखे पड़े हैं। सिघाड़ा गांव में कुल छह सार्वजनिक कुएं हैं पर सब सूखे पड़े हैं। गांव में कुल नौ हथिया चापाकल हैं लेकिन दो हाथी चापाकल ही चालू अवस्था में हैं। पीएचडी विभाग की टीम जेई विभूति नारायण सिंह के नेतृत्व में मंगलवार की दोपहर गांव पहुंची। मृतक के घर के आसपास एक सप्ताह में हथिया चापाकल चालू करने का आश्वासन दिया गया। चार माह पहले गांव में पूर्व मुखिया नौशाद अरशद उर्फ भाई बादशाह के प्रयास से एक सोलर पंप सेट बनवाया गया था। जो तेज धूप होने पर प्रतिदिन 9 बजे सुबह से शाम 4 बजे तक ऑटोमेटिक पानी देते रहता है।
इस पंप सेट पर गाव के लगभग 80 घरों की आबादी अपने दैनिक कार्य का निपटारा करती है। मो. चांद अंसारी, अनवर अहमद, विजेन्द्र यादव सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि रात के लिए भी पूरे गांव के लोग पेयजल इसी से भरकर रख लेते हैं। पीएचसी में हंगामे के बाद गठित जाच टीम के सदस्य प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी व अंचलाधिकारी राजीव कुमार मंगलवार शाम जाच के लिए पीएचसी पहुंचे। परंतु उस समय ड्यूटी में तैनात डॉक्टर कुमार आनद व पीएचसी प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिले, जिसकी वजह से जाच किए बिना टीम वापस लौट गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदा कुमारी ने बताया कि पूरे मामले की मॉनीट¨रग खुद जिलाधिकारी कर रहे हैं। जाच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।