'60 वर्ष की उम्र में नौकरी के बाद वर्दी साथ नहीं रहेगी', पटना HC की पुलिस के उदासीन रवैये पर टिप्पणी; जानिए पूरा मामला
Bihar News नाबालिग बच्चों के अपहृत होने एवं उनकी जल्द बरामदगी से संबंधित मामले पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य के डीजीपी को एसओपी जारी करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने अपहृत बच्चे के पिता विनय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2018 में बच्चा गायब हुआ और पुलिस अब तक उसे खोज नहीं सकी।
राज्य ब्यूरो, पटना। नाबालिग बच्चों के अपहृत होने एवं उनकी जल्द बरामदगी से संबंधित मामले पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य के डीजीपी को एसओपी जारी करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने अपहृत बच्चे के पिता विनय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।
अदालत ने पुलिस के उदासीन रवैये पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस की वर्दी उतर जाने के बाद स्वयं उन पर इस तरह की घटना घट जाती होगी तब उन्हें जरूर याद आता होगा कि एक समय पीड़ित परिवार कैसे उनके सामने गिड़गिड़ाते थे। 60 वर्ष की उम्र में नौकरी (रिटायरमेंट) के बाद वर्दी साथ नहीं रहेंगी।
कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2018 में बच्चा गायब हुआ और पुलिस अब तक उसे खोज नहीं सकी। जब कोर्ट ने कहा कि जब इस मामले में सुनवाई शुरू की तो पुलिस ने आनन-फानन में गत 13 फरवरी को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया। यह सिर्फ इसलिए किया गया कि जांच अधिकारी की कमियों को छिपाया जा सके।
ज़्यादा समय बीतने पर साक्ष्य मिलना नामुमकिन हो जाता है: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इससे पहले डीएसपी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वह मामले को गंभीरता और ईमानदारी से लेंगे और पीड़ित लड़के का पता लगाने और अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ने का प्रयास करेंगे, लेकिन बच्चे के बारे में अब तक कोई सुराग उनके हाथ नहीं लगा।
कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को पार्टी बनाने का आदेश दिया, ताकि सीबीआई पुलिस अधिकारियों के कार्यकलापों की जांच कर सकें। कोर्ट ने कहा कि ज़्यादा समय बीत जाने पर साक्ष्य मिलना नामुमकिन हो जाता है।गायब बच्चों की बरामदगी आसान नहीं होती।
सरकारी वकील सुमन झा ने कोर्ट में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस शुरू से कार्रवाई कर रही है, लेकिन अभी तक गायब बच्चे का सुराग नहीं मिल सका है।
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