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Upendra Kushwaha : 'टांग खींचने की बजाय...', विभाग बंटवारे के बाद किसपर भड़के कुशवाहा? नए बयान से बिहार में बढ़ी हलचल

Bihar Politics पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा केंद्र सरकार में विभागों के बंटवारे के बाद अचानक भड़क उठे। उन्होंने जमकर सुनाया। कुशवाहा ने बुधवार को एक्स मीडिया पर एक पोस्ट डालकर अपना पक्ष रखा है। कुशवाहा के नए बयान से सियासी गलियारे में हलचल काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि आदमी को हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए।

By Mukul Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 12 Jun 2024 03:41 PM (IST)
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पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi केंद्रीय मंत्रिमंडल गठन के बाद बिहार कोटा के सांसदों को मिले पद को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि 30 सांसद देने के बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार में बिहार को सिर्फ झुनझुना थमाया गया है।

विपक्ष के इन्हीं आरोपों को बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा है कि टांग खींचने की बजाय सहयोगात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। कुशवाहा ने बुधवार को एक्स मीडिया पर एक पोस्ट डालकर अपना पक्ष रखा है।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि केंद्रीय कैबिनेट में शामिल बिहार के मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण को लेकर मीडिया में अनावश्यक बहस चलाई जा रही है। आदमी को हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए।

मेरी समझ से सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण है- उपेन्द्र कुशवाहा

उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में प्रगति की यह प्रथम शर्त है। मेरी समझ से सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण है। बस, काम करने की दृढ़ इच्छा शक्ति और मजबूत व पक्का इरादा के साथ कुछ कर गुजरने की दृष्टि होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आखिर क्या चाहिए बिहार को‌? अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य के अलावे किसानों के घर खुशहाली और नौजवानों के हाथों को काम ही न? जरा सोचिए, किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने वाला महत्वपूर्ण विभाग किस के पास है? बिहार के मंत्रियों के पास ही न।

कुशवाहा ने बिहार से केंद्र में गए इन मंत्रियों का लिया नाम

Bihar News कुशवाहा ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय चिराग पासवान के पास, सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय जीतन राम मांझी के पास और पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय ललन सिंह के पास है और कपड़ा मंत्रालय जो गिरिराज सिंह के पास है, के माध्यम से भी बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किया जा सकता है।

कुशवाहा ने कहा कि राम नाथ ठाकुर के माध्यम से कृषि मंत्रालय और श्री राजभूषण निषाद के माध्यम से जलशक्ति मंत्रालय में भी हमारी दखल अंदाजी है। क्या ऐसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का बिहार के पास होना एक अवसर नहीं है हमारे लिए ?

मुख्यमंत्री पहले से लगे-डटे हैं- उपेन्द्र कुशवाहा

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक शिक्षा व स्वास्थ्य का सवाल है। इन दोनों विषयों में मुख्य जवाबदेही का कार्यक्षेत्र राज्य की सरकार के पास है। जहां मुख्यमंत्री पहले से लगे-डटे हैं। अत: अनावश्यक बहस में लगे लोगों से आग्रह है कि चुनाव खत्म हो चुका है। केंद में काम करने वाली सरकार बन चुकी है।

उन्होंने आगे कहा कि आइए, हम सब मिलकर ऋणात्मक बहस के बजाय सकारात्मक हो कर बिहार की प्रगति की चिंता में लगें। टांग खिंचाई की जगह सहयोगात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। अन्यथा समय निकलते जाएगा और हमारा बिहार पीछे छूटता ही चला जाएगा।

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