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उपेंद्र कुशवाहा अब 28 से विरासत बचाओ यात्रा पर निकलेंगे, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि से करेंगे आगाज

यात्रा के पहले चरण का समापन छह मार्च को सिवान में होगा। दूसरे चरण की शुरुआत 15 मार्च को पटना से होगी और 20 मार्च को अरवल में उसका समापन होगा। कुशवाहा ने कहा 25 से 28 जिलों की यात्रा का लक्ष्य बिहार की विरासत को बचाना है।

By Raman ShuklaEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 22 Feb 2023 08:40 PM (IST)
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उपेंद्र कुशवाहा अब 28 से विरासत बचाओ यात्रा पर निकलेंगे, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि से करेंगे आगाज

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू से अलग होकर राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन करने वाले उपेंद्र कुशवाहा 28 फरवरी से विरासत बचाओ नमन यात्रा पर निकल रहे हैं। इस यात्रा की शुरुआत वे पश्चिम चंपारण जिले में बापू की कर्मभूमि भितिहरवा से करेंगे।

सम्राट अशोक की जयंती पर 28 मार्च को पटना में समारोह आयोजित इस यात्रा का वे विधिवत समापन करेंगे। बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कुशवाहा ने यह जानकारी दी।

यात्रा के होंगे दो चरण

पहले चरण की यात्रा का समापन छह मार्च को सिवान में होगा। यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत 15 मार्च को पटना से होगी और 20 मार्च को अरवल में उसका समापन होगा।

कुशवाहा ने कहा कि 25 से 28 जिलों की यात्रा का लक्ष्य बिहार की विरासत को समाप्त होने से बचाना है। चर्चा है कि यात्रा के दौरान कुशवाहा भविष्य की रणनीति पर अपने समर्थकों के साथ जनता का भी मन-मिजाज टटोलेंगे।

तेजस्वी के हवाले से नीतीश पर कटाक्ष

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले किसान समागम में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कथित रूप से दो घंटे विलंब से पहुंचे थे।

इस पर कुशवाहा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मेरी पूरी सहानुभूति है। प्रश्न यह है कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो आगे क्या होगा!

वे (कुशवाहा) जदयू में इसी मुद्दे को उठा रहे थे। अब सब कुछ स्पष्ट हो गया है। राजद के लोग होली के बाद तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की बात करने लगे हैं।

राजद की रणनीति के तहत कुछ लोग दबाव बना रहे हैं तो कुछ लोग अलग से बोल रहे हैं। तेजस्वी यादव का ताज पहनने की औपचारिकता मात्र रह गई है।

विपक्षी एकता की कोई संभावना नहीं

2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता के प्रश्न पर कुशवाहा ने कहा कि विपक्षी एकता की कोई संभावना नहीं दिख रही है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह को बताना चाहिए कि बिहार में नेतृत्व पर उन्हें क्यों यह बयान देना पड़ा कि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सम्मिलित होने के प्रश्न पर कुशवाहा ने कहा कि भाजपा के किसी बड़े नेता के साथ उनकी बात नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि नई पार्टी के गठन की घोषणा के बाद कुशवाहा से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल मिल चुके हैं।

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