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Bihar School Timings : बिहार में सरकारी स्कूलों का समय बदलेगा, विधानसभा में हंगामे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश का एलान

Bihar Politics बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश को पलटने का एलान कर दिया है। उन्होंने विधानसभा में हंगामे के बाद यह घोषणा की। बता दें कि सरकारी स्कूल सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक खोलने के पाठक के आदेश से शिक्षकों में रोष था। इसे लेकर ही विधायकों ने अपनी बात सदन में रखी।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Yogesh Sahu Updated: Tue, 20 Feb 2024 06:32 PM (IST)
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विद्यालय की अवधि दस से चार बजे तक ही होगी : नीतीश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों की कार्य अवधि सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक ही हाेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के हंगामे के बाद खुद इस आशय का जवाब दिया।

अध्यक्ष के आसन के समक्ष सामूहिक से विपक्ष इस मांग के साथ नारेबाजी कर रहा था कि स्कूलों की कार्य अवधि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक जो की गई है, उसे खत्म किया जाए। नियोजित शिक्षकों के सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने को ले सक्षमता परीक्षा का भी विरोध किया जा रहा था।

जिस समय सदन में स्कूल की कार्य अवधि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे किए जाने के विरोध में हंगामा चल रहा था, उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में थे।

सत्यदेव राम से मुख्यमंत्री ने ली जानकारी, बोले- बुलाकर बात करूंगा

उन्होंने भाकपा (माले) के सत्यदेव राम को अपने पास बुलाया और पूरी स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद वह अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा- स्कूल की कार्य अवधि सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक ही होनी चाहिए।

हम लोग जिस समय स्कूलों में पढ़ते थे उस समय भी यही समय था। मैंने पूर्व में ही संबंधित अधिकारी को इस बारे में निर्णय लेने को कहा था। विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप लोग ही इसे देख रहे थे।

अगर सुबह दस बजे से शाम चार बजे पर निर्णय नहीं हो पाया था ताे हमें बताना चाहिए था। आज ही मैं संबंधित अधिकारी को बुलाकर इस बारे में बात करूंगा।

कार्यस्थगन प्रस्ताव हो गया अमान्य

इस विषय पर भाकपा (माले) और कांग्रेस की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया गया था। कार्यस्थगन को वैसे तो अमान्य कर दिया गया पर विधानसभा अध्यक्ष ने सत्यदेव राम और अजीत शर्मा को बोलने का अवसर जरूर उपलब्ध कराया।

सत्यदेव राम ने कहा कि शिक्षा विभाग के अलोकतांत्रिक आदेश ने नियोजित शिक्षकों को परीक्षा में उलझा कर रख दिया है। संघ बनाने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की बात गलत है।

सुबह नौ से शाम पांच बजे तक की कार्य अवधि अमानवीय है। अजीत शर्मा ने कहा कि सक्षमता परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षक उद्वेलित हैं। आंदोलित शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है।

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