'कर्नाटक में हार से बौखलाई BJP, नोटबंदी है गुप्त एजेंडा', 2000 के नोट पर भड़की JDU, कांग्रेस ने कर दी यह मांग
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार ने भाजपा का मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया है। खुद को अजेय समझने वाली पार्टी अपनी हार को पचा नहीं पा रही है। हार से ध्यान भटकाने के लिए सरकार नोटबंदी की नौटंकी कर रही है।
By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Deepti MishraUpdated: Sun, 21 May 2023 09:50 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 2000 के नोट को वापस लेने के फैसले बिहार में सियासत जोरों पर है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने रविवार को इसे कर्नाटक विधानसभा में हार के बाद भाजपा की बौखलाहट का नतीजा बताया है तो जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने इसे भाजपा का गुप्त एजेंडा करार दिया है। वहीं कांग्रेस ने मोदी सरकार और आरबीआई से घर-घर जाकर नोट बदलने की व्यवस्था करने की अपील की है।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार ने भाजपा का मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया है। खुद को अजेय समझने वाली पार्टी अपनी हार को पचा नहीं पा रही है। हार से ध्यान भटकाने के लिए सरकार नोटबंदी की नौटंकी कर रही है।जदयू प्रवक्ता ने कहा,
भाजपा को लगता है कि दो हजार के नोटों को बंद करने का फरमान जारी कर देने से जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटक जाएगा और लोग भाजपा सरकार की नाकामियों को भूल जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछली बार जब नोटबंदी की गई थी, तब कई लोगों को लगा था कि इससे काले धन पर चोट पड़ेगी और भ्रष्टाचारी पकड़े जाएंगे। भाजपा के कई नेताओं ने ऐसा दावा भी किया था, लेकिन सरकार के अन्य वादों की तरह यह भी हवा-हवाई बन कर रह गया। न कहीं काला धन पकड़ा गया और न ही भ्रष्टाचारी। जनता यह जान चुकी है कि भाजपा के पास देने के लिए केवल उन्माद है।
पप्पू यादव बोले- नोटबंदी BJP का गुप्त एजेंडा
पप्पू यादव ने दो हजार के नोट को प्रचलन से बाहर करने पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि साल 2016 में नोटबंदी भाजपा का गुप्त एजेंडा था। उन्होंने रविवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि देश नरेंद्र मोदी से जानना चाहता है कि काले धन का क्या हुआ? यह कब वापस कब आएगा? नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा बेरोजगारी क्यों बढ़ी?पप्पू यादव ने आगे कहा कि देश के 54 हजार करोड़ रुपये गायब हैं। मोदी सरकार बताए कि वह पैसा कहां है? साल 2016 में नोटबंदी के पहले 16 लाख करोड़ कैश का सर्कुलेशन था और नोटबंदी के बाद 32 लाख करोड़ का सर्कुलेशन हो गया। ऐसे में दो हजार के नोट को फिर से बंद करने की क्या जरूरत पड़ी। पप्पू यादव ने राहुल गांधी और अर्थशास्त्री रघुराम राजन का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने नोटबंदी के फैसले को बचकाना बताया था।
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