कोर्ट का आदेश- अब बिना कैमरा नहीं होगी वाहन जांच, पुलिस की मनमानी पर लगेगी रोक
पटना हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अब पुलिस बिना वीडियो रिकाॅर्डिंग की व्यवस्था के वाहनों की चेकिंग नहीं कर सकेगी। वाहन जांच के नाम पर अक्सर दुर्व्यवहार की शिकायत मिलती है।
By Ravi RanjanEdited By: Updated: Fri, 25 May 2018 10:10 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। अब पुलिस बिना वीडियो रिकाॅर्डिंग की व्यवस्था के वाहनों की चेकिंग नहीं कर सकेगी। जांच के नाम पर पुलिस की मनमानी की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार को कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि अब वाहन जांच कैमरे या सीसीटीवी की निगरानी में ही की जा सकेगी। ऐसी व्यवस्था न होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों को जांच प्रक्रिया को अपने मोबाइल में रिकाॅर्ड करनी होगा।
वहीं पटना हाईकोर्ट के वकील विशाल विक्रम राणा की कंकड़बाग थाने में पुलिसकर्मियों द्वारा की गई पिटाई मामले में एसएसपी मनु महाराज कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होने बताया कि मामले में शामिल चार पुलिसकर्मियों की पहचान हो गई है। इन चारों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में कंकड़बाग थाने में एफआइआर भी दर्ज करा दी गई है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि (20 जून) को प्राथमिकी और शहर में लगे सीसीटीवी की जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।वोकेशनल कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह एवं न्यायाधीश अरूण कुमार की खंडपीठ गुरुवार को मामले की सुनवाई की। सुनवाई में एक वकील सुधा सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि ने जानकारी दी कि डाकबंगला चौराहे पर एक सिपाही ने महिला वकील के साथ बदसलूकी की। वे अपनी गाड़ी से महावीर मंदिर जा रही थी। अचानक रेड सिग्नल हो गया।ड्राइवर ने उनकी गाड़ी तुरंत पीछे कर माफी मांग ली। लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। सिर्फ फाइन ही नहीं किया, बल्कि जानबूझकर गाड़ी को रोका गया। एक अन्य वकील अनिल कुमार सिंह ने बेउर थाने से बार-बार मिल रही धमकी के बारे में अदालत को जानकारी दी।
उन्होने कहा कि उन्हें बार-बार बेउर थाने से फोन आ रहा है। थाने में आकर मिलने के लिए कहा जा रहा है। पूछने पर भी कुछ कारण नहीं बताया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने पुलिस उच्चाधिकारियों से उक्त दोनों घटना की जानकारी देने को कहा।वकीलों ने कहा कि शराबबंदी कानून के दुरुपयोग की लगातार मिल रही शिकायतों की भी अदालत में चर्चा की। इस पर कोर्ट ने पुलिस को गंभीर आपराधिक घटनाओं की तरफ ध्यान देने की हिदायत दी। कोर्ट ने एसएसपी से घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को जिले में तैनात नहीं किए जाने को भी कहा।
सुनवाई में वरीय अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने भी शराबबंदी कानून के उल्लंघन के संबंध में शिकायत दर्ज कराई। गौरतलब है कि रविवार की रात एक वकील को कंकड़बाग पुलिस द्वारा जांच के नाम पर प्रताडि़त किया गया था। वकील के बैग की तलाशी में केवल दो फाइलें मिली।
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