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जातीय गणना पर बिहार के वित्तमंत्री का BJP और केंद्र पर प्रहार, कहा- न पक्ष में न विपक्ष में फिर क्यों गए कोर्ट

बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने मंगलवार को कहा कि जाति आधारित गणना के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में केंद्र सरकार द्वारा हलफनामा देकर यह कहना कि वह न तो इसके पक्ष में हैं और न ही विपक्ष में एक षड्यंत्रकारी कदम है। वित्त मंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना को सफल होता देख भाजपा में बदहवाशी का आलम है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 29 Aug 2023 05:38 PM (IST)
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विजय चौधरी का केंद्र पर हमला- जातीय गणना पर केंद्र का कदम षड्यंत्रकारी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना: जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने मंगलवार को कहा कि जाति आधारित गणना के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में केंद्र सरकार द्वारा हलफनामा देकर यह कहना कि वह न तो इसके पक्ष में हैं और न ही विपक्ष में, एक षड्यंत्रकारी कदम है।

भाजपा पर तंज कसते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना को सफल होता देख भाजपा में बदहवाशी का आलम है। भाजपा और केंद्र सरकार यह नहीं बता पा रही है कि जब वह न तो इसके पक्ष में है और न ही विपक्ष में तो फिर सुप्रीम कोर्ट क्यों गए थे?

केंद्र के हलफनामे को बताया हास्यास्पद

जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा हलफनामा दायर करना हास्यास्पद और आश्चर्यजनक है। यह बिहार के गरीब लोगों के हितों के विपरीत है। भाजपा की कलई खुल गई है और उसका असली चेहरा सामने आ गया है।

हम जनगणना नहीं, सर्वे करा रहे: वित्त मंत्री

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार तो शुरू से यह कहती रही है कि हमलोग जनगणना नहीं करा रहे हैं। यह तो केंद्र सरकार का विषय है। बिहार में राज्य सरकार अपने स्तर पर जाति आधारित गणना और सर्वे करा रही है। केंद्र सरकार द्वारा जान बूझकर संशय की स्थिति पैदा की जा रही।

वित्त मंत्री का आरोप- बिहार सरकार के काम को रोकना चाहता है केंद्र

वित्त मंत्री ने पूछा कि केंद्र सरकार के हलफनामा का प्रसंग क्या है? संशोधन भी मजाकिया है। केंद्र सरकार का कहना है कि जनगणना केंद्र का काम है। आखिर इसका विरोध कौन कर रहा है? तरह-तरह के प्रपंच को रचा जा रहा।  केंद्र सरकार बिहार की सरकार द्वारा किए जा रहे काम को रोकना चाहती है।

उन्होंने कहा कि यह जानकारी भी स्पष्ट है कि कलेक्शन ऑफ स्टैटिस्टिक्स एक्ट 2008 में यह लिखा है कि राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह आर्थिक व सामाजिक स्थिति की जानकारी के लिए सर्वेक्षण करा सकती है।