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Viral Fever: सावधान! खतरनाक है वायरल फीवर, हर 5वां मरीज बुखार के चपेट में; जानिए लक्षण, कारण और बचाव के टिप्स

वायरल बुखार के मामले इस बार काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बार वायरल बुखार का वायरस कुछ अलग प्रकार का है। बुखार तेज बदन-सिर दर्द व पेट की खराबी तो पांच से सात दिन में ठीक हो जा रही है लेकिन खांसी व कमजोरी 15 दिन तक सता रही है। जानिए इसके लक्षण कारण और बचाव के उपाय।

By Pawan Mishra Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 28 Aug 2024 01:33 PM (IST)
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60 प्रतिशत बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे वायरल का उपचार कराने।

जागरण संवाददाता, पटना। थोड़ी सी बूंदाबांदी, उसके बाद तीखी धूप व उमस भरी गर्मी। इसके कारण राजधानी में वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़े हैं।

आलम यह है कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस से लेकर न्यू गार्डिनर रोड तक की ओपीडी में पहुंचने वाला हर पांचवा मरीज वायरल बुखार का है।

अलग तरीके का है बुखार का यह वायरस

इस बार वायरल बुखार का वायरस कुछ अलग प्रकार का है। बुखार, तेज बदन-सिर दर्द व पेट की खराबी तो पांच से सात दिन में ठीक हो जा रही है, लेकिन खांसी व कमजोरी 15 दिन तक सता रही है।

खांसी में कोई दवा प्रभावी नहीं होने पर डॉक्टर मरीजों को दिन में तीन बार भाप लेने की सलाह दे रहे हैं। घर में एक सदस्य को होने पर पूरा परिवार इसकी चपेट में एक-एक कर आ रहा है।

15 से 20 प्रतिशत मरीज वायरल बुखार के शिकार

पीएमसीएच में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. आरडी सिंह, एनएमसीएच में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिन्हा, न्यू गार्डिनर रोड के चिकित्सा निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने लोगों को सावधान किया है। उन्होंने बताया कि इस समय ओपीडी में आने वाले 15 से 20 प्रतिशत मरीज वायरल के हैं।

ओपीडी में इस समय वायरल बुखार के मामले 60 प्रतिशत तक आ रहे हैं। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि इस मौसम में बच्चों को भीड़भाड़ में न ले जाएं व घर में किसी को वायरल होने पर बच्चे को उनसे दूर रखें। -डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ; आइजीआइसी

किस वायरस के कारण हो रहा वायरल ?

डॉ. अजय कुमार सिन्हा के अनुसार, इस बार किस वायरस के कारण वायरल हो रहा है, इसके लिए एपिडेमोलॉजिस्ट द्वारा कल्चर कराया जाना चाहिए।

फिलहाल, डॉक्टर लक्षणों के आधार पर दवाओं से उपचार कर रहे हैं। पांच से सात दिन में मरीज ठीक हो जा रहे हैं। खांसी में कोई दवा कारगर नहीं होने के कारण लंबी खिंच रही है, इसलिए भाप लेने की सलाह दी जा रही है। पौष्टिक आहार लेने से कमजोरी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है।

डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि वायरल बुखार में तेज दर्द-कमजोरी तो होती ही है, जल्द स्वस्थ होने के लिए पूरा आराम, पौष्टिक घर का ताजा भोजन व भरपूर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन उपयोगी है।

डेंगू व टायफाइड के मामले कम

डॉ. आरडी सिंह ने बताया कि इस वर्ष ओपीडी में बुखार के जो मामले आ रहे हैं, उनमें करीब 15 प्रतिशत वायरल के हैं। इसके अलावा टाइफाइड के कुछ मामले हैं। इसके विपरीत इस बार अभी तक डेंगू के मामले कम आए हैं। यूरिन संक्रमण से बुखार के मामले पूर्व वर्षों की ही भांति हैं।

बच्चों की इम्युनिटी कमजोर, तेज होता बुखार

डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होती है। ऐसे में किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर वे जल्द संक्रमित होते हैं और उनमें तेज बुखार के साथ पतले दस्त या उल्टी की शिकायत हो सकती है। ऐसे में उन्हें स्कूल नहीं भेजें, खूब तरल पदार्थ, फल-सब्जी दें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं ले जाएं। यदि अबतक वायरल से बचे हुए हैं तो उन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बचें।

बचाव व जल्द स्वस्थ होने के उपाय

  • यदि आपको वायरल है तो आइसोलेशन में रहें या मास्क पहनें।
  • घर के अन्य सदस्यों को वायरल से बचाने के लिए रोगी खुद को आइसोलेट करें।
  • बाहर से आने पर हाथ-पैर व मुंह धोने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों से मिलें।
  • भींगने के बाद अधिक समय तक गीले नहीं रहें, तुरंत शरीर पोछ कर सूखे कपड़े पहन लें।
  • अदरक, नींबू, लहसुन, मौसमी फल व सब्जियों के साथ तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा दें।
  • बुखार तेज होने पर अपने आप सिवाय पैरासिटामोल के कोई दवा नहीं लें।
  • तीन दिन से अधिक समय तक बुखार रहने पर डेंगू व टाइफाइड की जांच डॉक्टर के परामर्श पर कराएं।
  • बेहतर होगा फ्रिज में रखे ठंडे सामान का सीधे प्रयोग नहीं करें, चार घंटे से पूर्व बने ठंडे भोजन के सेवन से बचें।

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