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बिहार में होगा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित, राम मंदिर से भव्य बनेगा विराट रामायण मंदिर, जानें खास बातें

Virat Ramayan Mandir बिहार के पूर्वी चंपारण में विराट राम मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होने जा रहा है। 3.67 लाख वर्गफुट में तीन मंजिला मंदिर का निर्माण होगा। बताया जा रहा है कि 2025 में यह मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

By Roma RaginiEdited By: Roma RaginiPublished: Wed, 07 Jun 2023 11:53 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jun 2023 12:15 PM (IST)
Virat Ramayan Mandir: बिहार में होगा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित

जागरण संवाददाता, पटना। पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया चकिया पथ पर कैथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य 20 जून से प्रारंभ हो जाएगा। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे रामजानकी मार्ग पर मंदिर का निर्माण होगा।

2025 के सावन में 27 फरवरी शिवरात्रि के दिन विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना मंदिर परिसर में होगी। उसी साल के अंत तक विराट रामायण मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। मंदिर में कुल 12 शिखरों की साज-सज्जा में दो साल और लगेंगे।

महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर तीन मंजिला होगा। मंदिर में प्रवेश के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश के दर्शन होंगे। मंदिर में विश्व का बड़ा शिवलिंग बनाने के लिए महाबलिपुरम में 250 टन वजन के काले ग्रेनाइट पत्थर को तराश मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्त्रलिंगम भी स्थापित होगा।

बता दें कि शिवलिंग का वजन 210 टन होगा। इसकी ऊंचाई और गोलाई 33 फीट होगी। शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर की दूरी तक सड़क व पुल-पुलिया के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से अनुरोध किया गया है।

आकार और ऊंचाई में भव्य होगा विराट मंदिर

आचार्य कुणाल ने बताया कि मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 3.67 लाख वर्गफुट होगा। सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा। 198 फीट का एक शिखर और 180 फीट के चार शिखर होंगे।

रामलला मंदिर से भी होगा ऊंचा

विराट रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है। अयोध्या में बन रहे रामलला मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है।

देवी-देवताओं के होंगे कुल 22 मंदिर

विराट रामायण मंदिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर होंगे। मंदिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसे जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां पर कई आश्रम, गुरुकुल, धर्मशाला आदि का निर्माण होगा।

मंदिर में होंगे कुल 3102 पिलर

मंदिर निर्माण कार्य करने वाली सनटेक इन्फ्रा एंजेसी के श्रवण कुमार झा और भास्कर मजूमदार, नीरज ने बताया कि विराट रामायण मंदिर में कुल 3102 पिलर होंगे। पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी। मंदिर निर्माण की सारी सामग्री महावीर मंदिर उपलब्ध कराएगा।

मंदिर का ढांचा तैयार करने में 200 करोड़ की लागत

आचार्य किशोर ने कहा कि कार्य के आधार पर भुगतान होगा। मंदिर का ढांचा तैयार करने में लगभग दो सौ करोड़ की राशि लगेगी। मंदिर निर्माण समिति के सचिव ललन सिंह ने बताया कि बीते 10 साल के प्रयास से जमीन का प्रबंध किया गया।

पांच साल से रुका था कार्य

विराट रामायण मंदिर के निर्माण कार्य में रुकावट के बारे में आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर का नाम पहले विराट अंकोरवाट मंदिर रखा गया था। कंबोडिया सरकार ने 2012 में मंदिर के नाम को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। उसी साल मंदिर का भूमि पूजन हुआ था। मंदिर न्यास ने कंबोडिया की आपत्ति के बाद इसका नाम विराट रामायण मंदिर कर दिया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट के बाद विराट रामायण मंदिर को अंकोरवाट मंदिर से अलग बताया गया। इसके बाद तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने 15 फरवरी 2017 को मंदिर के बारे में प्रशंसा कर कहा था कि कंबोडिया सरकार की आपत्ति के निराकरण में महावीर मंदिर की उदारता प्रशंसनीय है।


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