Move to Jagran APP

Vivah Muhurat 2024: 15 जुलाई के बाद वैवाहिक कार्यों पर विराम, फिर कब बजेगी शहनाई? देखें Marriage Dates की लिस्ट

17 जुलाई से चातुर्मास आरंभ होने पर वैवाहिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। वहीं बनारसी पंचांग के अनुसार 15 नवंबर से एवं मिथिला पंचांग के अनुसार 18 नवंबर से वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ हो जाएगा। नवंबर और दिसंबर के महीने में 9-9 दिनों तक शहनाई बजेगी। यह भी बता दें कि वैवाहिक कार्य माघ फाल्गुन वैशाख ज्येष्ठ आषाढ़ अगहन मास में करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

By prabhat ranjan Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 12 Jul 2024 08:01 AM (IST)
Hero Image
15 जुलाई के बाद वैवाहिक कार्यों पर विराम लगा जाएगा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, पटना। Vivah Shubh Muhurat 2024 ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों के स्थान परिवर्तन से मानव जीवन, पृथ्वी एवं व्रत त्योहार के साथ मांगलिक कार्यों पर भी असर पड़ता है। बीते दो माह से शुक्र व गुरु ग्रह के अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य पर विराम लगा हुआ था। ऐसे में अप्रैल व मई में शादियां व मांगलिक उत्सव नहीं हो रहा था।

शुक्र व गुरु के उदय होने के साथ नौ जुलाई से वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ हो गया। हालांकि 15 जुलाई के बाद मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा। शादी-ब्याह का सिलसिला अब नवंबर माह से आरंभ होगा।

बनारसी पंचांग के अनुसार 15 नवंबर से एवं मिथिला पंचांग के अनुसार 18 नवंबर से वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ हो जाएगा।

बनारसी पंचांग के अनुसार नवंबर में नौ दिन व मिथिला पंचांग के अनुसार चार दिन विवाह के शुभ मुहूर्त है। वहीं, दिसंबर में बनारसी पंचांग के अनुसार नौ दिन व मिथिला पंचांग के अनुसार छह दिन शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त है। इसके बाद अगले वर्ष 2025 में मकर संक्रांति के बाद शादी-ब्याह का लग्न आरंभ हो जाएगा।

चातुर्मास में मांगलिक कार्य पर विराम

आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी हरिशयन एकादशी 17 जुलाई को भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीर सागर में विश्राम करेंगे। इस दौरान शादी-ब्याह पर विराम लगा रहेगा। कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागृत होने के बाद वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ हो जाएगा।

देवोत्थान एकादशी के दिन गोधूलि बेला में शंख, डमरू, मृदंग, झाल और घंटी बजा कर भगवान नारायण को निद्रा से जगाया जाता है। चातुर्मास के दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं।

ज्योतिष आचार्य राकेश झा ने बताया कि शादी-ब्याह व मांगलिक कार्यों के लिए गुरु, शुक्र व सूर्य का शुभ होना जरूरी होता है। रवि-गुरु का संयोग सिद्धि दायक और शुभ फलदायी होता है। इसके अलावा वैवाहिक कार्य माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, अगहन मास में करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

वैवाहिक शुभ मुहूर्त

बनारसी पंचांग के अनुसार

  • जुलाई: 9,10,11,12,13,14,15
  • नवंबर: 16,17,22,23,24,25,26,28,29
  • दिसंबर: 2,3,4,5,9,10,11,14,15
मिथिला पंचांग के मुताबिक

  • जुलाई: 10,11,12
  • नवंबर: 18,22,25,27
  • दिसंबर: 1,2,5,6,11
ये भी पढ़ें- Lakshmi Puja: शुक्रवार की पूजा में करें इस स्तोत्र का पाठ, धन प्राप्ति के बनेंगे योग

ये भी पढ़ें- Kuber Pujan: शुक्रवार के दिन करें ये काम, धन से भरी रहेगी तिजोरी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।