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Bihar First Phase Voting: बिहार में कम वोटिंग ने बढ़ाई प्रत्याशियों की धड़कन, पढ़ें अपने इलाके का हाल

Bihar First Phase Voting Percentage लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार की चार सीटों पर शुक्रवार को वोटिंग हुई। इस दौरान प्रथम चरण में वोटिंग प्रतिशत का जिस प्रकार का हाल रहा है उससे सभी प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ गई है। नवादा में वोटिंग 42 प्रतिशत रहा तो वहीं गया और औरंगाबाद में क्रमश 52 प्रतिशत और 50.02 प्रतिशत रहा है।

By Shashank Shekhar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sat, 20 Apr 2024 03:27 PM (IST)
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Bihar First Phase Voting: बिहार में कम वोटिंग ने बढ़ाई प्रत्याशियों की धड़कन, पढ़ें अपने इलाके का हाल
जागरण टीम, नवादा/पटना। Bihar First Phase Voting Percentage बिहार के दक्षिणी हिस्से में झारखंड से सटे नवादा में लोकसभा चुनाव शुक्रवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। नक्सल व जातीय संघर्षों के लिए चर्चित रहा नवादा में इस बार के चुनाव की खास बात यही रही कि कहीं से भी किसी बड़े अप्रिय वारदात की सूचना नहीं मिली। हालांकि, यह बात प्रिय नहीं लगी कि वोट प्रतिशत अपेक्षा से काफी कम रहा।

आधे से अधिक मतदाता लोकतंत्र के महापर्व से विमुख रहे। तल्ख धूप व प्रचंड गर्मी भी इसकी एक वजह रही। सुबह में सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के 2044 मतदान केंद्रों पर बड़े उत्साह से मतदाता कतार में लगे दिखे। सुबह के दस बजे तक सभी जगहों पर मतदान की स्थिति ठीक रही, लेकिन 11 बजे तक 42 डिग्री तापमान, प्रचंड धूप और 11 किमी. गति की गर्म पछुआ हवा ने मतदाताओं के हौसले पस्त कर दिए।

जिला नियंत्रण कक्ष से हर दो घंटे पर जारी मतदान प्रतिशत के अनुसार, सुबह 11 बजे तक 17.66 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं दोपहर एक बजे मतदान का प्रतिशत 27.24 तक ही पहुंच सका। दोपहर तीन बजे तक आंकड़ा 37.77 प्रतिशत रहा। इसके बाद संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों नवादा, वारिसलीगंज, हिसुआ और बरबीघा के ग्रामीण समेत शहरी मतदाताओं के पास वोट करने के लिए तीन घंटे का वक्त था, लेकिन उत्साह उस अनुरूप नहीं दिखा।

मतदान समाप्ति तक पूरे संसदीय क्षेत्र में 42 प्रतिशत ही मतदान होने की सूचना डीएम ने दी। हालांकि, उन्होंने जोड़ा कि मतदान प्रतिशत कुछ बढ़ सकता है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं ने अधिक मतदान किया। युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी ने मतदान किया। शहरी क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं ने बढ़- चढ़ कर वोट किया। जिले के नक्सल प्रभावित रजौली, गोविंदपुर, मेसकौर में भी मतदान ठीक ठाक हुआ।

कम मतदान ने बढ़ाई प्रत्याशियों की धड़कन

प्रथम चरण के मतदान में जिस प्रकार वोटों का प्रतिशत गिरा है, उसने हर प्रत्याशी की धड़कन बढ़ा दी है। शुक्रवार की सुबह जब मतदान शुरू हुआ तो सुबह केंद्रों पर वह उत्साह नहीं दिख रहा था, जैसा पिछले चुनावों में रहा है। दिन चढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ा जरूर, पर पिछले चुनाव के आंकड़े से लगभग दूर रहा। हालांकि, अभी अंतिम रूप से मत प्रतिशत घोषित करने के बाद थोड़ी-बहुत वृद्धि की आशा बनी हुई है।

गया में 52 प्रतिशत पर मतदान संपन्न हो गया तो औरंगाबाद में 50.02 पर। नवादा में यह 42 प्रतिशत ही रहा। राजनीतिक रूप से बहुत ही जागरूक समझे जाने वाले बिहार में मतदाताओं की उदासीनता एक बड़ी चुनौती है। जो हर मुद्दे पर मुखर होकर बात करते हों, वहां वोट के दिन की चुप्पी का कारण आखिर क्या है। बेशक धूप कड़ी थी, गर्मी भी थी, पर पहले भी इसी मौसम में चुनाव हुए हैं।

कुछ जगहों पर उत्साह चरम को छूता हुआ और कुछ जगहों पर सन्नाटा ही प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ा रहा है। अब राजनीतिक प्रेक्षक कुनबे के हिसाब से जोड़-घटाव के समीकरण को हल करने में जुटे हैं।

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