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बिहार की नदियां उफान पर, किसी भी वक्त टूट सकता है गंडक बराज का गेट

बिहार की नदियों में उफान संकट का संदेश दे रही हैं। तटबंध के किनारे रहने वाले लोग चिंतित हैं। गंडक बराज के एक गेट का मैग्नेटिक ब्रेक टूट गया है, इसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2016 08:00 PM (IST)
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बिहार की नदियां उफान पर, किसी भी वक्त टूट सकता है गंडक बराज का गेट
पटना [वेब डेस्क]। बिहार और नेपाल के जल ग्रहण इलाकों में हो रही बारिश के कारण राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। खासकर गंडक और कोसी सहित नारायणी, ये नदियां अब पूरे उफान पर हैं। इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने बिहार में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है।

बगहा के वाल्मीकि नगर स्थित नारायणी नदी पूरे उफान पर है। नदी पर बने गंडक बराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से गंडक में उफान आ गया है और तटबंध के इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।

वहीं गंडक बराज के गेट संख्या पांच का अॉटो मैग्नेटिक ब्रेक जल गया है जिसकी वजह से यह गेट अनियंत्रित हो गया है और नदी से पानी का बहाव निरंतर जारी है। बराज मैनेंजमेंट के लिए यह एक बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। इंजीनियर चाहकर भी इस गेट से पानी का बहाव रोक पाने में विफल हो रहे हैं।

कोसी से खतरा

कोसी के जलस्तर में वृद्धि होने से मधेपुर प्रखंड के गढ़गांव गांव में पानी प्रवेश कर गया है, जिससे एक सौ परिवार प्रभावित हुए हैं। बता दें कि मरौना प्रखंड के घोघरड़िया, खोखनाहा, बेला, लक्ष्मिनियां, मेनहा, तुल्सियाही, सिसौनी छिट सहित दर्जनों गांव में बाढ़ अपना कहर बरपा रहा है।

शनिवार को कोसी के जल स्तर में लगातार वृद्धि देखी गयी, शाम के चार बजे कोसी का जलस्तर 2 लाख 32 हजार 595 घनमीटर प्रति सैकंड बढ़ते क्रम में रिकॉर्ड दर्ज किया गया जो इस साल के बाढ़ अवधि के दौरान सबसे अधिक जलस्तर है।

सुपौल में बाढ़ का पानी

तटबंध पर 24 घंटे की कनीय अभियंता और सहायक अभियंता के साथ-साथ कार्यपालक अभियंता भी अलर्ट है।इस बीच अधिकतम जलप्रवाह होने से कोसी बराज के 56 फाटकों में से 30 फाटकों को खोल दिया गया है। वही कोसी तटबंधों के भीतरी गावों में लोगों के बीच हाहाकार मचा हुआ है।

बेतिया में भी बाढ का खतरा

बेतिया जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बारिश के कारण नदियां उफान पर है। गंडक के तटवर्ती दियारा इलाके के लोग नदी की उफान को देखकर दहशत में हैं। दूसरी ओर पंडई नदी में भी पानी बढ़ने के कारण तबाही शुरू हो गई है।

गौनाहा से जमुनिया को जोड़ने वाली सड़क मे गौनाहा के निकट बने पंडाई नदी पुल के पास अप्रोच ध्वस्त हो गया है। यह पुल वर्ष 2012 में बना था। पुल,8 करोड़ की लागत से पुल बना लेकिन अप्रोच नहीं बनाया गया, गौनाहा प्रखंड मुख्यालय से पुल तक जाने वाली सड़क आज भी कच्ची है।

शिवहर में उफनाई बागमती

शिवहर के बागमती नदी के जल स्तर में भी वॄद्धि शुरू हो गई है, जिससे दियारा के फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ -साथ बेलवा तटबंध सहित कई स्थानों पर पानी का दबाव बढ गया है। कटाव के खतरे को भांप बगमती प्रोजेक्ट के अभियंता बचाव कार्य में जुट गए हैं। डीएम ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने का निदेॅश दिया है।

मधुबनी में जलस्तर सामान्य

वहीं मधुबनी जिले से होकर गुजरने वाली कमला बलान, भूतही बलान नदी का जलस्तर अभी सामान्य बहाव पर है और खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।

जल संसाधन मंत्री ने कहा- बाढ से निपटने की है फूलप्रूफ तैयारी

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने दावा किया कि बाढ़ से जूझने की फूलप्रूफ तैयारी कर ली गई है। इस बीच कोसी क्षेत्र के निचले इलाकों में पानी घुस जाने के कारण करीब तीन सौ घर बाढ़ में विलीन हो गए। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।

नदियां उफान पर, कटाव शुरू

दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पूर्वी बिहार, कोसी और सीमांचल में नदियां उफान पर हैं। कटाव व धंसान शुरू हो है। नदियों के किनारे रहने वाले लोग सहमे हुए हैं। किशनगंज में एक व्यक्ति कनकई की धार में बह गया।

तटबंध के भीतर तबाही का आलम

कोसी इलाके के सुपौल में नदी का जलस्तर बढ़ा है। इस कारण तटबंध के बीच बसे गांवों में तबाही शुरू हो गई है। उफनाई कोसी में मरौना प्रखंड की घोघररिया पंचायत के खुखनाहा, लक्ष्मीनियां समेत सिसौनी पंचायत के पिपरपांति, जोबहा के लगभग 300 घर विलीन हो गये।

पीडि़तों का पलायन आरंभ

अचानक आये उफान से ग्रामीणों के बीच अफरातफरी मच गई और लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे। सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मरौना प्रखंड क्षेत्र के सिसौनी, घोघररिया, जोबहा आदि गांवों में कोसी की बाढ़ ने तबाही मचानी शुरू कर दी है।

गंडक का डिस्चार्ज बढ़ा

नेपाल के भैरवा में हुई बारिश का असर सोमवार तक गंडक के प्रभाव वाले पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगडिय़ा, सीतामढ़ी, शिवहर व दरभंगा जिले में पड़ सकता है।

गंडक के डिस्चार्ज को ध्यान में रख जल संसाधन मंत्री ने शनिवार को सीतामढ़ी में तथा रविवार को मुजफ्फरपुर में जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ इंजीनियरों के साथ बैठक भी की। मंत्री ने बताया कि बाढ़ से जूझने की फूलप्रूफ तैयारी है।

मंत्री का दावा, खतरे की कोई बात नहीं

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि गंडक और कोसी में डिस्चार्ज पिछले वर्ष के अधिकतम डिस्चार्ज से अभी पीछे है। कोसी के डिस्चार्ज में रविवार को सुबह आठ बजे बढ़ोतरी थी, पर अब यह घट रहा है। गंडक के डिस्चार्ज को जरूर ज्यादा आंका जा रहा है पर अभी यह खतरे के निशान से नीचे है।

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