क्या होता है एयर टर्बुलेंस? दिल्ली से पटना आ रहा विमान बना इसका शिकार, बाल-बाल बची 222 यात्रियों की जान
flight turbulence दो दिन पहले दिल्ली से 222 यात्रियों को लेकर पटना जा रही एक फ्लाइट एयर टर्बुलेंस की चपेट में आ गई जिससे यात्रियों की सांसें सांसत में पड़ गईं। इस दौरान क्रू मेंबर्स समेत कई यात्रियों को चोटें भी आईं। क्या आप जानते हैं कि टर्बुलेंस क्या होता है और क्यों होता है। अगर विमान टर्बुलेंस की चपेट में आ जाए तो उस वक्त क्या करना चाहिए ?
By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Fri, 22 Sep 2023 04:51 PM (IST)
जागरण डिजिटल डेस्क, पटना: flight air turbulence: दिल्ली से पटना आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-415 एयर टर्बुलेंस की चपेट में आ गई। इसमें 222 यात्री सवार थे। किसी तरह यात्रियों और क्रू सदस्यों की जान बची। यह घटना दो दिन पहले की है। इस घटना ने आमजन के जहन में एक सवाल उठाया है... ये एयर टर्बुलेंस (Air turbulence) क्या होता है? ऐसी घटना से बचने के लिए क्या सावधानियां रखी जा सकती हैं? इससे विमानन कंपनियों को हर साल भारी नुकसान भी होता है। आइए बताते हैं कैसे...
दरअसल, जब विमान ऊंचाई पर उड़ रहा होता है, तब विमान के पंखों से हवा अनियंत्रित होकर टकराती है, जिससे एयर टर्बुलेंस पैदा होता है। इससे विमान हिलने-डुलने लगता है। यात्रियों को झटके लगने लगते हैं। इस दौरान, इस दौरान विमान सवार यात्री घायल भी हो जाते हैं।जैसा कि हाल ही में दिल्ली से पटना जाने वाली फ्लाइट में देखने को मिला। टर्बुलेंस अधिक होने पर विमान क्रैश भी हो सकता है। हालांकि, बहुत ही रेयर कंडीशन में होता है। विमान पर नियंत्रण रखने के लिए पायलट को सतर्कता बरतनी पड़ती है।
क्यों होता है एयर टर्बुलेंस?
यह कई कारणों से हो सकता है। जैसे- वातावरण में हवा का प्रभाव, जेट स्ट्रीम्स जो हवा में परिवर्तन को ट्रिगर करते हैं, पहाड़ या ऊंची इमारतों के ऊपर से उड़ते हुए, जो आसमान में हवा के प्रवाह को बदलते हैं या फिर कोई भी कारण जो हवा के प्रवाह को बदलता है, उससे एयर टर्बुलेंस हो सकता है।यानी कि एयर टर्बुलेंस हवा के प्रवाह को बदलने के कारण होता है, न कि फ्लाइट (Flight) में खराबी के कारण। बता दें कि आसमान में उड़ते हुए विमानों को करीब सात तरह के टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है, जिनमें अधिकतर मौसम से जुड़ा टर्बुलेंस होता है।
विमानों को कौन-कौन से टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है?
- क्लियर एयर टर्बुलेंस (Clear-air turbulence)
- थर्मल टर्बुलेंस (Thermal turbulence)
- टेम्परेचर इंवर्जन टर्बुलेंस (Temperature inversion turbulence)
- मैकेनिकल टर्बुलेंस (Mechanical turbulence)
- फ्रंटल टर्बुलेंस (Frontal turbulence)
- माउंटेन वेब टर्बुलेंस (Mountain wave turbulence)
- थंडरस्टॉर्म टर्बुलेंस (Thunderstorm turbulence)
क्यों बढ़ रही हैं एयर टर्बुलेंस की घटनाएं?
जानकारों के मुताबिक, जब मौसम खराब होता है तो बिजली कड़कने और भारी बादल होने पर भी विमान में टर्बुलेंस पैदा होता है। फिलहाल में देखने को मिला है कि विमानों में टर्बुलेंस की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।यह भी पढ़ें - दिल्ली से पटना आ रहा विमान हुआ एयर टर्बुलेंस का शिकार, क्रू सदस्यों समेत कई घायल; 222 यात्री थे सवार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।विमान टर्बुलेंस की चपेट में आए तो क्या करें?
अगर आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं और अगर विमान एयर टर्बुलेंस की चपेट में आ जाता है तो ऐसे में क्या करें...- विमान के टर्बुलेंस की चपेट में आने पर घबराएं नहीं।
- यात्रियों को तुरंत अपनी सीट बेल्ट बांध लेनी चाहिए।अगर आपके साथ कोई बच्चा है तो उसकी सीट बेल्ट बांधकर रखें।
- पैनिक क्रिएट करने के बजाय अपने पायलट पर भरोसा रखें, वे ऐसे हालातों से निपटने के लिए ट्रेंड होते हैं।
- अगर टर्बुलेंस के दौरान घबराहट हो रही है तो खुद को शांत करें और लंबी गहरी सांस लें।
- सीट बेल्ट को तभी ढीला करें जब टर्बुलेंस समाप्त हो जाए।
- उड़ान से पहले फ्लाइट अटेंडेंट जो जानकारी देते हैं, उन्हें ध्यान से सुनें।