Wheat Price : टारगेट से कम खरीदा गया गेहूं, इन आठ जिलों के सहाकरिता पदाधिकारी पर कार्रवाई
लक्ष्य से कम गेहूं खरीद पर आठ जिलों के सहाकरिता पदाधिकारी पर कार्रवाई की गई है। बता दें कि राज्य में 3.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जाना था लेकिन अब तक बिहार में 492 किसानों से 1595 मीट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति की गई है। जो लक्ष्य से बहुत कम है। बता दें कि रेट को लेकर किसान पैक्स को गेहूं बेचने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने गेहूं खरीद की जिलावार समीक्षा बैठक करते हुए लापरवाही बरतने वाले आठ जिलों के जिला सहकारिता पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया है। इन आठ जिलों में सबसे कम गेहूं खरीद की गई है।
खगड़िया में एक, पूर्णिया में तीन, जमुई में दो, बगूसराय में एक, कटिहार में तीन, मधेपुरा में चार, किशनगंज में दो और लखीसराय में महज दो किसानों से गेहूं खरीद की गई है।
समीक्षा में पाया गया कि राज्य में कुल निर्धारित लक्ष्य 3.50 लाख मीट्रिक टन के सोपक्ष अब तक 492 किसानों से 1595 मीट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति की गई है। जो लक्ष्य से बहुत कम है।
प्रतिबंध के बावजूद गेहूं के डंठल जलाने से बाज नहीं आ रहे किसान
कृष्णाब्रह्म(बक्सर) प्रखंड क्षेत्र में आए दिन कहीं न कहीं अगलगी की घटनाएं हो रही हैं। खेत में गेहूं की डंठल जलाने पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। खेत में डंठल जलाने से खेत की उर्वरक शक्ति कम हो जाती है, फिर भी कुछ किसान आदत से बाज नहीं आ रहे हैं।
जैसे हीं सूर्य भगवान अस्त होते हैं, चुपके से किसान अपनी खेतों में जाकर डंठल में आग लगा देते हैं। बधार में देखने पर अंधेरा दिखता है।
ऐसी घटना एक दो जगह की नहीं है बल्कि हर जगह पर कहीं न कहीं रात के अंधेरे में देखने को मिल जाता है। कभी कभी खेत में लगी आग की चिंगारी कहीं दूर में जाकर भारी तबाही मचा देती है। दूसरी तरफ खेतों में डंठल जलाने से वायु प्रदूषण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
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