Bihar News: शराब के आरोपी को नहीं पकड़ पाया इंस्पेक्टर तो DGP ने जबरन कर दिया था रिटायर्ड; अब HC ने दिया ये आदेश
Bihar News in Hindi पटना हाईकोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल द्वारा इंस्पेक्टर को जबरन रिटायर कराने के आदेश को अवैध घोषित कर दिया है। शराब के केस में एक आरोपित के नहीं पकड़े जाने के आरोप में मुजफ्फरपुर के मीनापुर में पदस्थापित इंस्पेक्टर अविनाश चंद्र को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। उन्हें 26 नवंबर 2020 को निलंबित किया गया था।
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल द्वारा इंस्पेक्टर को जबरन रिटायर कराने के आदेश को अवैध घोषित कर दिया है। बेगूसराय के बखरी निवासी अविनाश चंद्र की याचिका पर न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता इंस्पेक्टर अविनाश चंद्र मुजफ्फरपुर के मीनापुर में पदस्थापित थे। शराब के केस में एक आरोपित के नहीं पकड़े जाने के आरोप में अंतिम तौर पर अविनाश को तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के आदेश पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी।
क्या है पूरा मामला?
इंस्पेक्टर अविनाश चंद्र को 26 नवंबर 2020 को इस आरोप में निलंबित किया गया कि वह शराब के केस में एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सके। चार दिसंबर 2020 से अविनाश के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई।पुलिस उपाधीक्षक ने जांच की, लेकिन जांच की रिपोर्ट में अविनाश पर लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए। उसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीतामढ़ी के तत्कालीन एसपी ने इस केस की जांच की और तीन सितंबर 2021 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में अविनाश को दोषी करार दिया।
इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर तिरहुत रेंज मुजफ्फरपुर के आइजी ने 16 सितंबर 2021 को अविनाश को दूसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया। सात दिसंबर 2021 को अविनाश की एक वर्ष तक वेतन-वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया।
हाई कोर्ट ने अवलोकन में क्या पाया?
हाई कोर्ट ने मामले के अवलोकन से पाया कि वादी ने इस आदेश के खिलाफ अपील की, जिस पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। दूसरी तरफ, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ने आठ सितंबर 2022 को अविनाश की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।