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सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi)

(BJP Leader Sushil Modi) बिहार में भाजपा के दिग्गज नेताओं में सुशील कुमार मोदी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। सुशील मोदी वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। इससे पूर्व वे बिहार कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। छात्र जीवन से अबतक सुशील मोदी ने राजनीति में करीब पांच दशक का लंबा सफर तय किया है।

By Aditi ChoudharyEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Wed, 19 Jul 2023 05:43 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2023 04:42 PM (IST)
सुशील कुमार मोदी प्रोफाइल (Sushil Kumar Modi Profile) । जागरण

पटना, जागरण डिजिटल डेस्क। (Sushil Kumar Modi Biography)। बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी एक बड़ा नाम है। भाजपा के दिग्गज नेताओं में इनका नाम प्रमुखता से लिया जाता है। सुशील मोदी वर्तमान में राज्यसभा से सांसद हैं। इससे पूर्व वे बिहार कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।

सुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी, 1952 को पटना जिले में एक मारवाड़ी (वैश्य बनिया) परिवार में हुआ। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुशील मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन सदस्य हैं। जेपी आंदोलन में विद्यार्थी नेता के रूप में उभरे सुशील मोदी ने राजनीति में करीब पांच दशक का एक लंबा सफर तय किया है। 

सुशील मोदी का प्रोफाइल

  • जन्म तिथि- 5 जनवरी, 1952
  • जन्म स्थान- पटना, बिहार
  • माता का नाम- स्व. रतना देवी
  • पिता का नाम- स्व. मोतीलाल मोदी
  • पत्नी का नाम- प्रो. डॉ जेसी सुशील मोदी
  • संतान- उत्कर्ष तथागत, अक्षय अमृतांक्षु

पटना विश्वविद्यालय से की पढ़ाई

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने मैट्रिक की पढ़ाई पटना स्थित राम मोहन राय सेमिनरी से की है। फिर पटना विश्वविद्यालय के पटना साइंस कॉलेज से 1973 में वनस्पति विज्ञान में स्नातक किया। इसी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए मोदी ने पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया, लेकिन जेपी आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्होंने कुछ महीने बाद ही पढ़ाई छोड़ दी।

छात्र जीवन से राजनीति में रहे सक्रिय

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान सुशील मोदी छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। 1971 में सुशील मोदी छात्र संघ के 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य निर्वाचित हुए। फिर 1973 से 1977 तक पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इसी छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद संयुक्त सचिव थे।

1974 में जेपी आंदोलन में सुशील मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आपातकाल के दौरान सुशील मोदी 19 महीने जेल में भी रहे। फिर 1983 से 86 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री सहित कई पदों पर रहने के बाद 1983 में उन्हें महासचिव बनाया गया। 

सुशील मोदी का राजनीतिक जीवन

  • 1990 में सुशील मोदी सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए। उन्होंने पटना केंद्रीय विधानसभा (अब कुम्हार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
  • 1996-2004 के दौरान वो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता बने रहे। 
  • 2004 में वह भागलपुर से लोकसभा सांसद बने।
  • साल 2005 में एनडीए बिहार की सत्ता में आई और सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री बन गए। मोदी को बिहार भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। बाद में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।
  • 2010 में एनडीए की दोबारा जीत के बाद भी वो उपमुख्यमंत्री के पद पर बने रहे। सुशील कुमार मोदी लगभग 11 वर्षों तक नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम रहे। एक वक्त था जब दोनों नेताओं को राम-लक्ष्मण की जोड़ी के रूप में जाना जाता था।
  • 2015 के चुनाव में सुशील मोदी बिहार में एनडीए खेमे से भाजपा के सबसे बड़े नेता के तौर पर देखे गए। उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, तब जदयू-राजद के महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला और नीतीश कुमार सीएम बने थे।  
  • 8 दिसंबर 2020 को रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली सीट को भरने के लिए सुशील मोदी को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया।

ईसाई धर्म से है सुशील मोदी की पत्नी 

वहीं, सुशील मोदी के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने ईसाई धर्म की डॉ जेसी से अंतरधार्मिक प्रेम विवाह किया है। दोनों की पहली मुकालात ट्रेन में हुई थी। जेसी पेशे से प्रोफेसर हैं और वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय के वीमेन्स ट्रेनिंग कॉलेज में प्राचार्य हैं। सुशील मोदी और जेसी के दो बेटे हैं। इनका नाम उत्कर्ष तथागत और अक्षय अमृतांक्षु है। दोनों ही बेटे राजनीतिक लाइमलाइट से दूर रहते हैं।

बता दें कि लालू प्रसाद यादव के बाद सुशील मोदी बिहार के एकमात्र नेता हैं, जिन्हें राज्यसभा, लोकसभा, बिहार विधान परिषद और बिहार विधान सभा के सदस्य रहने की उपलब्धि प्राप्त है। 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए थे और इसके पीछे सबसे बड़ा खिलाड़ी सुशील मोदी को माना गया था। सुशील मोदी ने तब राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।


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