'शाम तक नहीं लौटने पर डर जाता था परिवार,' मंगल पांडेय ने तेजस्वी यादव को क्यों याद दिलाया लालू-राबड़ी का राज
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पलटवार किया है। मंगल पांडेय ने लालू-राबड़ी राज के दौरान बिहार में अपराध की भयावह स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान अपहरण हत्या और दुष्कर्म की घटनाएं आम थीं। उन्होंने कहा कि राजद राज में मां अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरती थीं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने हमला बोला है।
मंगल पांडेय ने कहा है कि लालू-राबड़ी राज के 15 साल की भयावहता की कहानी किसी से छुपी नहीं है।उन्होंने कहा कि गैर सरकारी आंकड़ों और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लालू यादव के शासन की शुरुआत से अंत तक में अपहरण के कांड की संख्या 6 हजार 494 हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भी कुल 35 डॉक्टरों का और 27 इंजीनियरों का अपहरण हुआ था।मंगल पांडेय ने कहा कि यह वह भयावह दौर था, जब मां अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरती थीं। लोगों के बाहर गए स्वजन शाम होते ही लौट नहीं आते थे, तब तक पूरे परिवार में बेचैनी रहती थी।
2005 तक चलती रही अपराध की भयावह कहानी
पांडेय ने कहा है कि राजद राज (लालू-राबड़ी) का अंत वर्ष 2005 में हुआ। इससे पहले लगभग 15 वर्ष के शासनकाल पर ध्यान देने की जगह अंत के कुछ वर्षों का आंकड़ा अपराध की भयावह कहानी कहने के लिए काफी हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में 2005 में 3 हजार 471 हत्याएं हुईं। 251 अपहरण की घटनाएं और 1 हजार 147 बलात्कार की घटनाएं रिपोर्ट की गईं। 2004 में बिहार में 3 हजार 948 लोगों की हत्या हुई थी। फिरौती के लिए 411 अपहरण और 1390 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।यह भी पढ़ें: 'लंबे अरसे तक सत्ता में रहने के बावजूद...', नीतीश कुमार के बारे क्या बोले JDU नेता? लालू-तेजस्वी पर भी दिया बयान
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