गुजरातियों पर टिप्पणी का मामला: तेजस्वी यादव का केस क्यों जारी रखें? सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एक हफ्ते बाद फिर से आइए
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के मामले को लेकर सुनवाई हुई। उन्होंने पिछले साल मार्च गुजरातियों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद उनके खिलाफ गुजरात कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया था। तेजस्वी यादव ने एक याचिका दायर कर कोर्ट से इस मामले को गुजरात के बाहर खासतौर से दिल्ली में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने 29 जनवरी तक के लिए सुनवाई को स्थगित कर दिया।
दरअसल, तेजस्वी ने अपनी याचिका में कथित तौर पर ''केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं'' वाले बयान को लेकर अहमदाबाद की एक अदालत में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि शिकायत को गुजरात के बाहर किसी भी स्टेट या दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है।
शिकायतकर्ता के वकील द्वारा समय मांगे जाने के बाद न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया।
अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग
पीठ ने कहा, 'जब उन्होंने बयान वापस ले लिया है तो अभियोजन क्यों जारी रखा जाना चाहिए। आप निर्देश मांगें अन्यथा हम अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करेंगे।'
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'प्रतिवादी के वकील ने याचिकाकर्ता (यादव) द्वारा 19 जनवरी को दायर किए गए बयान पर निर्देश लेने के लिए समय मांगा है। अगले सोमवार को इसे सूचीबद्ध करें।'
गुजरात निवासी को भेजा गया था नोटिस
शीर्ष अदालत ने राजद नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए पहले आपराधिक मानहानि शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और इसे दायर करने वाले गुजरात निवासी को नोटिस जारी किया था।
कथित आपराधिक मानहानि के लिए तेजस्वी यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी।
मार्च 2023 में दिया गया था बयान
गुजरात की अदालत ने अगस्त में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत यादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच कराई थी और एक स्थानीय व्यवसायी और कार्यकर्ता हरेश मेहता द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें समन करने के लिए पर्याप्त आधार पाया था।
शिकायत के अनुसार, यादव ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी। अगर वे एलआईसी या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?' बिहार के डिप्टी सीएम ने कथित तौर पर पूछा था। इसपर मेहता ने दावा किया कि यादव की टिप्पणियों ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है।
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