Bihar School Timing: क्या बिहार में फिर बदलेगी स्कूलों की टाइमिंग? शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने दिया ये जवाब
बिहार में स्कूलों की टाइमिंग को लेकर एक बार फिर चर्चा होने लगी है। स्कूलों के समय में बदलाव को लेकर शिक्षा मंत्री से विधान परिषद में सवाल किया गया। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों के प्रारंभ और बंद होने की समय सीमा पर शिक्षा विभाग दो दिनों में फैसला लेगा। दो दिनों में पता चल जाएगा कि स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव होगा या नहीं।
जागरण संवाददाता, पटना। विधान परिषद में मंगलवार को एक प्रस्ताव के जवाब में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि स्कूलों के प्रारंभ और बंद होने की समय सीमा पर विभाग दो दिनों में निर्णय लेगा। सुबह नौ बजे से स्कूल संचालन 2013 से 2021 तक होता रहा है। इसकी समीक्षा कर विभाग इस मामले का निष्पादन करेगा।
जदयू के डॉ. संजीव कुमार सिंह ने प्रस्ताव रखा कि बिहार विधानमंडल में मुख्यमंत्री द्वारा विद्यालय संचालन की अवधि सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक करने की घोषणा की गई थी। विभाग इसपर अमल करने की बजाय शिक्षकों के वेतन की कटौती करता रहा। इसका समर्थन नीरज कुमार सिंह सहित अन्य सदस्यों ने किया।
भाजपा के नवल किशोर यादव के प्रस्ताव विशिष्ट शिक्षकों को स्वैच्छिक व ऐच्छिक स्थानांतरण के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाओं और दिव्यांगों की उनकी सुविधा के अनुसार नजदीक में पोस्टिंग की जाएगी। शिक्षकों को कम से कम परेशानी हो, इसे ध्यान में रखकर स्थानांतरण किया जाएगा। स्थानांतरण नीति में मानवीय पहलुओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर विपक्ष का वॉकआउट
विधान परिषद की मंगलवार को दूसरी पाली शुरू होते ही सत्ता पक्ष ने केंद्रीय बजट में राज्य को मिले विशेष पैकेज के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव लाया। विपक्ष राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के विरोध में सदन से वॉकआउट कर गया।
सत्ता पक्ष से संसदीय कार्यमंत्री मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि एक बार में इतनी बड़ी राशि बिहार को पहली बार मिली है। केंद्र सरकार ने बिहार को एक्सप्रेस-वे के लिए 26 हजार करोड़ और बाढ़ प्रबंधन के लिए 11.50 हजार करोड़ सहित रिकॉर्ड राशि दी है। इससे बिहार का विकास होगा।
क्या सत्तापक्ष ने स्पेशल स्टेटस की मांग को वापस ले लिया?
राजद के अब्दुल बारी सिद्धिकी ने पूछा कि क्या सत्तापक्ष ने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वापस ले लिया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि 2012 में तो केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। तब राजद भी यूपीए सरकार में था। फिर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलाया? हमलोगों का मकसद बिहार का विकास है।
राजद के सुनील कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में बिहार को झुनझुना थमाया है। राजद, कांग्रेस, माकपा और भाकपा माले के सदस्यों ने सदन में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए नारेबाजी भी की। सुशील मोदी के नाम से शोध संस्थान के निर्माण पर होगा विचार जदयू के नीरज कुमार ने चारों सदनों के सदस्य रहे पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नाम पर शोध संस्थान के निर्माण की मांग की।
इस शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके नाम पर सामाजिक व आर्थिक शोध संस्थान के निर्माण पर सरकार जरूर विचार करेगी। सदस्यों से इसके प्रारूप के साथ लिखित प्रस्ताव देने को कहा। भाजपा के देवेश कुमार ने भी इसका समर्थन किया।
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