Patna News : ऑपरेशन होते ही महिला ने गंवा दी जान, अब झोलाछाप डॉक्टर को देने होंगे 11 लाख; कार्रवाई से मचा हड़कंप
पटना में मनेर की महिला का बंध्याकरण एक निजी नर्सिंग होम में हुआ था। आपरेशन के दिन ही उसने दम तोड़ दिया। आपरेशन करने वाले कथित डाक्टर के पास कोई डिग्री व रजिस्ट्रेशन आदि नहीं था। मेडिकल टीम ने उसे अवैध बताते हुए दोषी ठहराया था। अब पीड़ित परिवार को झोलाछाप चिकित्सक हर्जाने के रूप में 11 लाख रुपये देगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News In Hindi मामला 14 वर्ष पुराना है, लेकिन पीड़ित परिवार को अब जाकर राहत मिली है। राहत आर्थिक है, जो जिला उपभोक्ता आयोग के निर्देश पर मिली है। पटना में मनेर की महिला का बंध्याकरण एक निजी नर्सिंग होम में हुआ था।
ऑपरेशन के दिन ही उसने दम तोड़ दिया। ऑपरेशन करने वाले कथित डॉक्टर के पास कोई डिग्री व रजिस्ट्रेशन आदि नहीं था। मेडिकल टीम ने उसे अवैध बताते हुए दोषी ठहराया था।
झोलाछाप चिकित्सक हर्जाने के रूप में 11 लाख रुपये देगा
महिला के पति व छह बच्चों ने गुहार लगाई थी। आयोग ने कहा कि इस क्षति की भरपाई नहीं हो सकती, फिर भी पीड़ित परिवार को झोलाछाप चिकित्सक हर्जाने के रूप में 11 लाख रुपये देगा।
वर्ष 2007 में पांच जनवरी को कलावती देवी की मृत्यु हुई थी। अपने नाम के आगे डाक्टर लिखकर मनेर के सीमा सेवा सदन में प्रैक्टिस करने वाले धर्मेंद्र कुमार यादव ने उनका आपरेशन किया था। भरपाई के दिलासे पर 15 जनवरी, 2007 से 19 जून, 2009 तक कलावती के पति संगम राय को धर्मेेंद्र टहलाता रहा।
उसे कानूनी नोटिस देने के साथ संगम ने प्राथमिकी दर्ज कराई और उसकी प्रति लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचे। सिविल सर्जन की अध्यक्षता में मेडिकल बोर्ड ने जांच कर रिपोर्ट सौंपी। लिखा कि धर्मेंद्र द्वारा किए गए आपरेशन के कारण कलावती की मृत्यु हुई।
इस राय के विरुद्ध धर्मेंद्र ने अपनी आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई
धर्मेंद्र के पास न तो मेडिकल की कोई डिग्री है और न ही बतौर चिकित्सक प्रैक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन आदि। इस मामले में वे पूर्णतया दोषी हैं। इस राय के विरुद्ध धर्मेंद्र ने अपनी आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई। उन्होंने कानूनी नोटिस का जवाब तक नहीं दिया।
आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा और सदस्य रजनीश कुमार ने इसे सेवा में कमी-कोताही का मामला माना। निर्णय दिया कि संगम को धर्मेंद्र बतौर हर्जाना दस लाख रुपये देंगे।
इसके अलावा कानूनी प्रक्रियाओं में खर्च और 14 वर्ष तक मामले के खिंचने के एवज में एक लाख रुपये अतिरिक्त देंगे। कुल 11 लाख रुपये नहीं देने पर उनके विरुद्ध न्यायिक कार्रवाई होगी।
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