शुगर यानी मधुमेह के मामले क्यों बढ़ रहे? इन तरीकों से होगा बचाव, इलाज और जांच की है फ्री व्यवस्था
World Diabetes Day 2022 बिहार की राजधानी पटना में 17.1 प्रतिशत महिला और 19.9 प्रतिशत पुरुष बन चुके हैं शुगर के मरीज। पटना के 37 प्रतिशत लोग मधुमेह की गिरफ्त में। आमजन को सचेत कर रही 2019-20 में जारी एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट
By Pawan MishraEdited By: Shubh Narayan PathakUpdated: Mon, 14 Nov 2022 08:37 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। World Diabetes Day 2022: डायबिटिज, मधुमेह यानी शुगर दुनिया में मौत का आठवां सबसे बड़ा कारण है। यह अंधेपन का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। मधुमेह का शिकंजा राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में तेजी से कस रहा है। राष्ट्रीय औसत के अनुसार भले ही प्रदेश की करीब 20 प्रतिशत शहरी और करीब आठ प्रतिशत ग्रामीण आबादी को मधुमेह की चपेट में माना जाए, लेकिन आंकड़े इससे बहुत ज्यादा हैं। यहां हम आपको मधुमेह की भयवाहता, खतरे, बचाव के साथ फ्री में इलाज के बारे में भी जानकारी देंगे।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक शिकार
2019-20 में हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के आंकड़ों के अनुसार, पटना जिले की 17.1 प्रतिशत महिला और 19.9 प्रतिशत पुरुष या तो शुगर की दवा ले रहे हैं या फिर शुगर स्तर का स्तर 140 से अधिक है। इसके अनुसार जिले के 37 प्रतिशत लोग मधुमेह के खतरे में हैं।
जागरूकता के बिना रोकथाम असंभव
इंडोक्राइन के सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल न्यू गार्डिनर रोड के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा के अनुसार आज भी अधिकतर लोगों को किसी दूसरे रोग के इलाज या सर्जरी के दौरान डायबिटिक होने की जानकारी होती है। डायबिटीज को बिना उपचार के छोड़ने पर अल्सर, किडनी व हृदय रोगों का खतरा 60 प्रतिशत तक अधिक, नेत्र में रेटिनोपैथी, कान, न्यूरोपैथी, अल्जाइमर्स जैसे तमाम रोग शिकंजा कस देते हैं।साल में एक बार जरूर कराएं जांच
डा. मनोज कुमार सिन्हा के अनुसार पहले 40 वर्ष के बाद मधुमेह की आशंका होती थी। आज बहुत से बच्चे इसके साथ जन्म ले रहे हैं। 14 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे बड़ी संख्या में इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसका कारण मोटापा व आरामतलब जीवनशैली के अलावा पिज्जा, बर्गर, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स, रिफाइंड खाद्य सामग्री, खाने में फाइबर की कमी आदि प्रमुख हैं।
ये चीजें खाने से घटेगा मधुमेह का खतरा
नियमित व्यायाम या शारीरिक श्रम करके और प्रासेस्ड व जंक फूड से परहेज कर काफी हदतक इससे बचा जा सकता है। गेहूं के साथ चने, ज्वार, जौ, जई और दालों व अंकुरित अनाजों, लौकी, नेनुआ-तरोई, टिंडा, पालक, परवल, खीरा, ककड़ी, करेले, फल में अमरूद, जामुन, पपीते आदि का सेवन बढ़ाने से भी इसकी रोकथाम में मदद मिलती है।ये आंकड़े बढ़ा रहे हैं चिंता
15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर हुए एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार पटना और बिहार के लिए तैयार येे आंकड़ेे चिंता बढ़ा रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।शुगर के मानक | पटना में कुल प्रतिशत | महिला | पुरुष |
हाई ब्लड शुगर 141 से 160 | 17.6 | 7.6 | 10 |
वेरी हाई ब्लड शुगर 160 से अधिक | 16.6 | 7.8 | 8.8 |
दवा लेने वाले या 140 से अधिक शुगर स्तर | 37 | 17.1 | 19.9 |
बिहार | के | लिए | आंकड़े |
शुगर के मानक | प्रदेश में कुल प्रतिशत | महिला | पुरुष |
हाई ब्लड शुगर 141 से 160 | 12.7 | 6.4 | 8.3 |
वेरी हाई ब्लड शुगर 160 से अधिक | 12.2 | 5.4 | 7.0 |
दवा लेने वाले या 140 से अधिक शुगर स्तर | 28.9 | 12.7 | 16.2 |