बिहार में कोरोना बम बन हफ्तों घूमता रहा युवक, बड़ा सवाल- मौत तक कितनों को दे गया संक्रमण
CoronaVirus Bihar बिहार में एक और युवक की मौत के साथ कोरोना से मौत का आंकड़ा दो हो गया है। उसे संक्रमण कैसे लगा इसका पता नहीं। वह अनजाने में सैकड़ों लोगों के संपर्क में रहा।
By Amit AlokEdited By: Updated: Sat, 18 Apr 2020 09:07 PM (IST)
पटना, जेएनएन। बिहार में कोरोना ने शुक्रवार को अपना दूसरा शिकार किया। वैशाली के एक युवक की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई। चिंताजनक बात यह है कि उसके संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल सका है। एक और चिंता की बात यह है कि मौत के पहले तीन सप्ताह से अधिक तक वह वैशाली से लेकर पटना तक संक्रमण लेकर घूमता रहा। अब उसके संपर्क में आए सैकड़ों लोगों की पहचान स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।
अनजाने में ही कोरोना बम बना रहा युवक विदित हो कि वैशाली के राघोपुर के जिस 35 वर्षीय युवक की कोरोना जांच रिपोर्ट बुधवार देर रात पॉजिटिव आई, उसकी शुक्रवार को पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार पूरी सुरक्षा के साथ पटना के बांस घाट पर किया गया, लेकिन मौत के पहले इलाज के दौरान वह अनजाने में ही कोरोना बम बना घूमता रहा। इस दौरान केवल पटना में ही उसके संपर्क में सौ से अधिक लोग आए। वैशाली में अभी तक उसके आठ स्वजनों सहित 63 लोगों की पहचान हो चुकी है। पटना के अलावा उसके संपर्क में आए समस्तीपुर के भी तीन दर्जन लोगों की पहचान की गई है।
संपर्क में आए लोगों की पहचान व जांच शुरू
कोरोना पॉजिटिव मृतक के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन करने तथा जांच की प्रक्रिया जारी है। पटना के सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि सेंट्रल अस्पताल खुसरूपुर के 13, राजेंद्रनगर स्थित मैक्स लाइफ जांच केंद्र के 16 और न्यू बाईपास में मीठापुर बस स्टैंड के पास पॉपुलर अस्पताल के 50 लोगों को होटल पाटलिपुत्र अशोक में क्वारंटाइन करते हुए उनके सैंपल लिए जा चुके हैं। इसके अलावा पॉपुलर अस्पताल में भर्ती छह मरीजों काे भी वहीं क्वारंटाइन कर उनके सैंपल लिए गए हैं। उधर, वैशाली के राघेपुर में मृतक के संपर्क में आए आठ स्वजनों सहित 63 लोगों का सैंपल लेकर उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। इलाज के दौरान उक्त अस्पतालों व जांच केंद्रों में मृत युवक का संपर्क हुआ था।
पटना के खुसरुपुर स्थित सेंट्रल अस्पताल में इलाज के दौरान संक्रमित युवक दर्जनों शुभचिंतकों के संपर्क में आया था। उनमें दो ने उसकी झाडफ़ूंक भी की थी। प्रशासन उन सबों की तलाश में जुटा है। 14 अप्रैल को एम्स में भर्ती, 15 को आई रिपोर्ट एम्स पटना में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि युवक 14 अप्रैल की रात में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। कोरोना की आशंका होने पर उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उसकी पत्नी, बहन और भाई को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर सैंपल जांच के लिए भेजे गए।
संक्रमण की जानकारी मिलते ही शुरू हुआ एक्शनसंक्रमित युवक की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी कुमार रवि ने आनन-फानन में उसके संपर्क में आए लोगों की सूची बनाने के लिए टीम गठित की। एसडीओ सदर और पटना सिटी को मामले की जांच और उप विकास आयुक्त को मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया। युवक ने पटना न्यू बाईपास स्थित जिस पॉपुलर अस्पताल और खुसरुपुर स्थित सेंट्रल अस्पताल में इलाज कराया था, वहां नए रोगियों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई है। दोनों अस्पतालों और आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया। सिविल सर्जन को आसपास के हर घर का सर्वे कराने को कहा गया है। उधर, वैशाली में भी उसके घर के तीन किमी के दायरे को सील कर जांच की जा रही है।
पटना में 24 दिनों तक जगह-जगह गया युवक ठीक है कि जानकारी मिलने के बाद प्रशासन सजग है, लेकिन इलाज के दौरान वह सार्वजनिक वाहनों में अन्य लोगों के साथ वैशाली से पटना तक कई जगह गया। आंकड़ाें की बात करें तो वह पूरे 24 दिन तक पटना में घूमा। 23 मार्च को वैशाली से नाव के जरिए आ कर खुसरूपुर के सेंट्रल अस्पताल में भर्ती हुआ, फिर नाव से ही 28 मार्च को राघोपुर वापस गया। फिर तबीयत बिगड़ी तो तीन अप्रैल को न्यू बाईपास स्थित पॉपुलर अस्पताल में किराए के बोलेरो से आकर भर्ती हुआ। चार अप्रैल को राजेंद्र नगर स्थित मैक्सलाइफ जांच केंद्र में सार्वजनिक वाहन से जाकर एमआरआइ कराया। पांच अप्रैल को मीठापुर स्थित सोना डायग्नोस्टिक के कर्मचारी ने आकर जांच के लिए उसका ब्लड कलेक्शन लिया। आगे सात अप्रैल को अस्पताल से डिस्चार्ज होकर वह एंबुलेंस से राघोपुर वापस गया। आगे 14 अप्रैल की रात किराए की बोलेरो गाड़ी से आकर वह पटना एम्स में भर्ती हुआ। अगले दिन उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई।
समस्तीपुर में तीन दर्जन लोगों का हुआ संपर्क मृत युवक के संपर्क में पड़ोसी जिले समस्तीपुर के पटोरी अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के लगभग तीन दर्जन लोग भी आए थे। उनमें से 31 की पहचान कर पटोरी के आइसोलेशन सेंटर में क्वारंनटाइन कर दिया गया है। पटोरी के एसडीओ मो. शफीक ने बताया कि युवक कर इलाज समस्तीपुर के मोहनपुर प्रखंड के पत्थरघाट स्थित एक चिकित्सक के यहां भी हुआ था। उन्हें भी आइसोलेशन में रखकर जांच के लिए सैंपल लिया गया है। मृत युवक की तीन बहनों की शादी इसी क्षेत्र में हुई है। इलाज के लिए आने पर उन सबों की मुलाकात हुई थी। उन्हें भी परिवार समेत क्वारंनटाइन किया गया है।
चिंता की बात यह कि युवक को कैसे लगा संक्रमण लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर युवक को संक्रमण लगा तो कैसे? क्या इलाज के दौरान बाहर निकलने पर वह किसी अज्ञात कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया? वह बीते दो साल से पटना व समस्तीपुर के अलावा कहीं बाहर भी नहीं गया है कि बाहर से कोरोना संक्रमण की आशंका को बल मिले। ऐसे में वैशाली के मृक युवक का मामला अलग व गंभीर है। इसके गंभीर निहितार्थ हो सकते हैं।
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