बिना म्यूटेशन रैयत को जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाये जाने वाली नियमावली को सरकार ने वापस ले लिया है। उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है। सरकार ने सभी जिला निबंधक को इस संबंध में पत्र भेजा है। अब रैयत जरूरत पड़ने पर पुरानी नियमावली के अनुसार ही अपनी जमीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। बिना म्यूटेशन (खारिज-दाखिल) रैयत को जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाये जाने वाली नियमावली सरकार ने वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही, सरकार ने सभी जिला निबंधक को इस संबंध में पत्र भेज दिया है।
अब रैयत जरूरत पड़ने पर पुरानी नियमावली के अनुसार अपनी जमीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे। यानी, अब फिर से अपने नाम बिना म्यूटेशन कराए भी रैयत अपनी पुश्तैनी जमीन की बिक्री कर सकेंगे।
विभागीय निर्देश आने के बाद सोमवार से पूर्णिया जिले के निबंधन कार्यालयों में रजिस्ट्री की रफ्तार बढ़ गई है। दो दिन में ही कार्यालयों में जमीन की रजिस्ट्री दोगुनी हो गई है।
जिला अवर निबंधक पदाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सहायक निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने पत्र जारी कर पूर्व की तरह रजिस्ट्री करने का निर्देश जारी किया है।सोमवार से पुरानी व्यवस्था के तहत जमीन निबंधन का काम शुरू हो गया है। अब कोई भी व्यक्ति पहले के नियम के तहत अपने पूर्वजों की जमीन का साक्ष्य प्रस्तुत कर अपनी जमीन बेच सकते है।
दो दिन में लगभग 200 डीड का निबंध
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गत 22 फरवरी से जमीन रजिस्ट्री जमाबंदी नियमावली लागू होने के बाद से जिले के सभी निबंधन कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री काफी कम हो गई थी। जहां पहले प्रतिदिन सौ से डेढ सौ डीड का निबंधन होता था वहीं यह संख्या घट कर एक दर्जन भी नहीं रह गयी थी।
रोजाना गुलजार रहने वाला उक्त कार्यालय लगभग सुनसान सा हो गया है। इससे सरकार को जहां राजस्व को नुकसान हो रहा था वहीं बिना जमाबंदी वाले जरूरत मंद रैयतों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। लेकिन उक्त नियमावली पर रोक के बाद फिर से जमीन की रजिस्ट्री बढ़ गई है।
दो दिन में ही जमीन के दस्तावजों वो अब बढ़कर 100 के पास पहुंच गई है। दो दिनों में जिला निबंधन कार्यालय में लगभग 180 दस्तावेजों का निबंधन हुआ है।
सोमवार को पूर्णिया में 98 दस्तावेजों का निबंधन हुआ जबकि मंगलवार को बारिश होने के कारण से यहां निबंधन की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई। मंगलवार को जिला निबंधन कार्यालय में 80 से ज्यादा जमीनों के दस्तावेजों का निबंधन हुआ है।
लोगों को मिली राहत, राजस्व वसूली में भी वृद्धि
जमाबंदी कानून पर रोक लगने के बाद विभागीय निर्देश आने के साथ ही सोमवार को रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन की खरीद बिक्री करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
लोगों का कहना था कि पता नहीं फिर कब से जमाबंदी कानून लागू हो जाए। गौरतलब है कि जमाबंदी नियमावली में लागू होने के बाद से जिले के सभी निबंधन कार्यालय में राजस्व वसूली के लक्ष्य में काफी कमी आई थी।
जिला मुख्यालय के साथ-साथ धमदाहा, बनमनखी और अमीर रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन रजिस्ट्री की
संख्या काफी कम हो गई।
तीनों निबंधन कार्यालय से मार्च महीने में सिर्फ 1392 डीड का ही निबंधन हो सका। जिस कारण मात्र 8.52 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई, जबकि साल 2022 में मार्च महीने में 5503 डीड का निबंधन हुआ था। वहीं अप्रैल महीने में यह आंकड़ा और ज्यादा गिर गया।
इस साल अप्रैल महीने में जिले के चारों निबंधन कार्यालय में महज 1207 डीड का ही निबंधन हुआ। इससे जिले को महज 6.78 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। जो जिले के कुल लक्ष्य का महज 57 प्रतिशत ही रहा, जबकि जिले के निबंधन कार्यालय से गत वर्ष 22 और 23 में राजस्व वसूली लक्ष्य से अधिक रही थी।
सोमवार से पूर्व की तरह जमीन रजिस्ट्री का कार्य शुरू होने से निबंधन की संख्या में काफी तेजी आई है। आने वाले दिनों में संख्या में और ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद है। साथ ही एक बार फिर निबंधन कार्यालय गुलजार होने लगे हैं।
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