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भारत के खिलाफ D-Company की बड़ी साजिश! सुराग के लिए Meta को गया ई-मेल, आतंकियों को नेपाल के रास्ते भेजी गई थी 'मोटी रकम'

फंडिग मामले में पाकिस्तान में बैठे दाऊद इब्राहिम के गिरोह की सलिप्तता की भी जांच की जा रही है। जांच एजेसिंयों का मानना है कि नेपाल में डी कंपनी काफी सक्रिय रहा है। इसके पूर्व यह गिरोह जाली नोट और नशे का धंधा अपने एजेटों के माध्यम से सीमांचल में कर चुका है। इस गिरोह के तार दुबई से भी जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 08:32 PM (IST)
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भारत के खिलाफ D-Company की बड़ी साजिश! सुराग के लिए Meta को गया ई-मेल (फाइल फोटो)
राजीव कुमार, पूर्णिया। Pakistani Funding भारत में वाया नेपाल आतंकी व नक्सली संगठनों को पाकिस्तान से रुपये भेजे जाने के मामले में राज्य व राष्ट्रीय स्तर की जांच एजेसिंयों के साथ बिहार की पूर्णिया पुलिस भी जांच में जुटी हुई है। एसपी आमिर जावेद ने व्हाट्सएप का संचालन करने वाली कंपनी मेटा से पाकिस्तान के उन आठ नंबरों का आईपी एड्रेस व उन व्हाट्सएप नंबर के लिए उपयोग में लाई गई मेल आईडी की जानकारी मांगी है। इसके अलावा, इन पाकिस्तानी नबंरों के बारे में इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है।

इंटरपोल को भी इन नंबरों के लोकेशन सहित जिन स्थानों से इन व्हाट्सएप अकाउंट का संचालन किया जा रहा है, उसके संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। पूर्णिया एसपी ने बताया कि व्हाट्सएप और इंटरपोल से पाकिस्तानी नंबरों की जानकारी मिलने के बाद जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। पुलिस उन बैंक खातों की पहचान में भी जुटी है, जिनमें एजेटों ने पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर राशि जमा की है।

उन्होंने बताया कि कई बैंक खातों में नेपाल स्थित कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) से रकम भेजने की बात सामने आई है। पुलिस ने गाजियाबाद के जिस बैंक खाते को फ्रीज किया है, उसमें लगातार रकम भेजे जाने की बात सामने आई है। गत आठ दिसंबर को पुलिस ने तीनों एजेंटों को गिरफ्तार किया था। इन्होंने बताया था कि नेपाल में खाते खुलवाकर उसमें पाकिस्तान से मोटी रकम मंगाते थे और फिर उसे रुपये में बदलकर देश के विभिन्न शहरों के खातों में भेज देते थे।

दाऊद गैंग की संलिप्तता की भी हो रही है जांच

बताया गया कि फंडिग मामले में पाकिस्तान में बैठे दाऊद इब्राहिम के गिरोह की सलिप्तता की भी जांच की जा रही है। जांच एजेसिंयों का मानना है कि नेपाल में 'डी कंपनी' काफी सक्रिय रहा है। इसके पूर्व यह गिरोह जाली नोट और नशे का धंधा अपने एजेटों के माध्यम से सीमांचल में कर चुका है। इस गिरोह के तार दुबई से भी जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है। यह भी संभावना है कि साइबर ठगी की मोटी रकम इसी रास्ते खपाई जा रही हो।

अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी नेपाल, पाकिस्तान एवं दुबई के रास्ते कई तरह के ऑनलाइन गेम एवं एप बनाकर साइबर ठगी की जा रही हो। हालांकि जांच एजेंसियां अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।

मुंबई से भी जुड़ सकता है तार

अब इस मामले का तार मुंबई से भी जुड़ता नजर आ रहा है। जांच में यह बात सामने आ रही है कि देश के कई राज्यों में नेपाल से इंडियन करेंसी के रूप में खाते में राशि भेजने के बाद कई खातों से यह राशि मुंबई तक पहुंच रही है। अब यह राशि मुंबई के किन बैंक खातों में पहुंच रही है और वे कौन हैं इसका पता लगाया जा रहा है।

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