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Shivdeep Lande: शिवदीप लांडे के नाम बन गया एक खराब रिकॉर्ड, ऐसा करने वाले बिहार के पहले IPS अधिकारी बने

Shivdeep Lande Transfer आईजी पद से इस्तीफे के बाद भी आईपीएस शिवदीप लांडे चर्चा में बने हुए हैं। इस्तीफा स्वीकार करने पहले नीतीश सरकार ने उनका तबादला कर दिया। ऐसे में वह पूर्णिया के आईजी के रूप में काफी कम दिन तक सेवा दे सके। शिवदीप लांडे को सख्त और तेज तर्रार अधिकारी माना जाता है लेकिन अब उनके नाम एक खराब रिकॉर्ड बन गया।

By Prakash Vatsa Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 11:21 AM (IST)
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शिवदीप लांडे का महज 33 दिन में ही हो गया तबादला (जागरण)

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। बिहार सरकार ने शिवदीप लांड का तबादला कर दिया है। ऐसे में वह अब आईजी प्रशिक्षण (पटना का पद संभालेंगे। हालांकि, उन्होंने तबादले से पहले ही बिहार सरकार को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। इन सब के बीच जाते-जाते शिवदीप लांडे के साथ एक खराब रिकॉर्ड भी जुड़ गया। तो आइए बताते हैं आखिर क्यों बना यह खराब रिकॉर्ड।

पूर्णिया के आईजी के रूप में मात्र 33 दिन की दी सेवा, रिकॉर्ड हुआ खराब

सिंघम व सुपरकॉप जैसे उपनाम से जाने वाले पूर्णिया परिक्षेत्र के आइजी शिवदीप वामनराव लांडे की पदस्थापना व तबादले में महज 33 दिन का ही फासला रहा। वे अब पूर्णिया परिक्षेत्र के सबसे कम दिन वाले आईजी बन गए हैं।

अल्प दिन के कार्यकाल में ही वे सूर्खियां झोला भर-भरकर बटोरी। इस दौरान वे लगातार इंटरनेट मीडिया पर भी छाए रहे। कभी नाव तो कभी जुगाड़ गाड़ी की सवारी का फोटो भी खूब वायरल होता रहा।

पोस्टिंग के 13 दिन के भीतर दे दिया इस्तीफा

शिवदीप लांडे ने छह सितंबर को पूर्णिया के आइजी के रुप में अपना पदभार संभाला था। पदस्थापना के साथ ही रेंज में पड़ने वाले किशनगंज, कटिहार व अररिया का दौरा भी उन्होंने किया और लोगों की उत्सुकता बढ़ने लगी। इसी बीच पदस्थापना को 13 दिन भी पूरे हुए थे कि लांडे ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देने की सूचना देकर महकमे के साथ आम लोगों को भी चौंका दिया।

इस्तीफे के चलते वे मीडिया में चर्चा में आ गए

पलक झपकते ही इस्तीफे के चलते वे मीडिया की सुर्खियां बन गए। तरह-तरह के कयास लगने लगे। खुद लांडे ने ही इस्तीफे के कारणों को लेकर लग रहे अटकलों पर विराम लगा दिया। इसी बीच पत्नी के जन्मदिन पर इस्तीफे के प्रति प्रतिबद्धता दोहरा कर फिर सूर्खियों में आ गए।

इस्तीफा मंजूर होगा या नहीं, इस पर इंटरनेट मीडिया पर तर्क-वितर्क चल ही रहा था कि नौ नवंबर को उनके तबादले की अधिसूचना जारी हो गई। इससे महकमे के साथ-साथ आम लोग भी हैरान रह गए। पूर्णिया से उनकी अचानक विदाई पर भी अटकलों का बाजार गर्म है।

तनिष्क शोरुम के लूट के मामले ने भी बढ़ाया पारा

इधर, महज 33 दिन के अंदर उन्होंने दो बड़े एक्शन के चलते भी सूर्खियों में रहे। पूर्णिया में उनके आगमन से पूर्व तनिष्क शोरुम में तीन करोड़ 70 लाख की जेवरातों की लूट मामले में पुलिस की कार्रवाई पर बड़ा सवाल उठाया। सहायक खजांची हाट थाना क्षेत्र में घटी इस घटना में पुलिस कार्रवाई को स्पष्ट तौर पर नाकाफी बताते हुए कई पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली व भूमिका तक पर प्रश्नचिन्ह लगाया।

पढ़िए कुछ पुराने दिलचस्प किस्से

एसपी को पत्र लिखते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट मांग दी। इसके बाद दो साल पूर्व कटिहार जिले के मनिहारी व साहेबगंज के बीच ट्रक लदे मालवाहक जहाज के डूबने से संबंधित मामलों पर बड़ा सवाल उठा भूचाल मचा दिया। उक्त मामले में पूरी जांच रिपोर्ट व हुई कार्रवाई को सवालिया घेरे में खड़ा कर दिया। इस संबंध में उन्होंने कटिहार एसपी को पत्र लिखा। यह ऐसा मामला है, जिसका परिणाम जो निकले, लेकिन कई अधिकारियों को उन्होंने अपनी चिट्ठी से ही बेपर्दा कर दिया।

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