Bihar: अमित शाह के बयान के निकल रहे कई मायने, सत्ता परिवर्तन के कयास को मिली हवा
Amit Shah बिहार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दिए गए बयान ने हलचल पैदा कर दी है। गृहमंत्री के बयान के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। अमित शाह ने अपने भाषण में बिहार में जल्द ही भाजपा की सरकार बनने की बात कही। संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री का फोकस सीमांत क्षेत्र के विकास व मित्र राष्ट्रों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिये पर रहा।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया : भारत-नेपाल की जोगबनी सीमा पर भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण द्वारा निर्मित आइसीपी परिसर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे। यहां दिए गए गृहमंत्री के एक बयान ने सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान जैसे ही मुस्कराते हुए कहा कि बिहार में जल्द ही भाजपा की सरकार बनेगी, वैसे ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। इसके अलग-अलग मायने भी निकलने लगे हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी कहा कि यहां जल्द ही चुनाव होंगे और केंद्र के साथ-साथ सूबे में भी भाजपा की सरकार बनेगी और फिर सीमांत इलाकों के विकास को रफ्तार मिलेगी।
सत्ता परिवर्तन के कयास को हवा
महज 16 मिनट के अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री का फोकस यूं तो सीमांत क्षेत्र के विकास व मित्र राष्ट्रों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिये पर रहा, लेकिन दो-तीन पंक्ति के बयान ने सत्ता परिवर्तन के कयास को हवा दे दी है।
अमित शाह मंच से उतरे भी नहीं थे कि कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उनके बयान की व्याख्या करनी शुरू कर दी। किसी ने इस बयान को एक राष्ट्र एक इलेक्शन से जोड़ कर देखना शुरू कर दिया तो कोई जदयू के फिर से भाजपा के साथ आने की बात करने लगा।
कार्यक्रम के बाद दिल्ली रवाना हुए शाह
अमित शाह कार्यक्रम के बाद दिल्ली रवाना हो गए, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कयास से सियासी हलकों में नया उफान छोड़ गए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीमांत क्षेत्रों के विकास को पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
पूर्व में सीमावर्ती इलाके विकास से पूरी तरह अछूते थे। पड़ोसी देश की सरहद से सटे गांवों में समस्याओं का अंबार था। पड़ोसी देश से व्यापारिक व सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की फिक्र नहीं की जा रही थी।सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ, भूमि कब्जा व अवैध व्यापार आम बात थी। प्रधानमंत्री द्वारा इन स्थितियों के चलते अब अंतिम गांव का विकास प्रथम गांव की तरह करने का निर्णय लिया है और इस दिशा में एक साथ कई कदम उठाये जा रहे हैं।
मित्र राष्ट्र नेपाल व भूटान से व्यापारिक, संपर्क व सांस्कृतिक के साथ-साथ सामाजिक संबंधों को विस्तार देने की कवायद तेज हुई है। भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकारण के माध्यम कई बड़े कार्य इन इलाकों में हो रहे हैं।इसी परिप्रेक्ष्य में आइसीपी की स्थापना भी जोगबनी में हुई है। बिहार से जुड़ती नेपाल सीमा में तीन आइसीपी का निर्माण होना है। इससे वैध व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है।जोगबनी आइसीपी के रास्ते भारत-नेपाल के कुल कारोबार का 14 फीसद कारोबार हो रहा है। बिहार से जुड़े भारत नेपाल सीमा पर दस लैंड कस्टम स्टेशनों का निर्माण भी चल रहा है। आइसीपी केवल व्यापारिक केंद्र नहीं है बल्कि यह दोनों देश के लिए पहला संवाद केंद्र भी है।
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