Move to Jagran APP

Bihar: मैं अभी जिंदा हूं पापा..., बेटी की आवाज सुन रोने लगे पिता, परायी चिता में तपकर मुकाम पर पहुंची लवस्टोरी

लव मैरिज को भारत का ग्रामीण समाज हेय दृष्टि से देखता है। इसके लिए कभी-कभी बेटी की बलि तक दे दी जाती है। लेकिन इस पराई चिता से अंशु की प्रेम कहानी को मुकाम मिल गया। शव की पहचान के फेर में जिस अंशु की चिता पिता ने अपने हाथों से सजाई थी उसकी तपिश ने पिता व बेटी के बीच की दीवार जला दी है।

By Prakash VatsaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 22 Aug 2023 05:41 PM (IST)
Hero Image
परायी चिता में तपकर मुकाम पर पहुंची प्रेम-कहानी। (प्रतीकात्मक फोटो)
सुजीत कुमार, भवानीपुर (पूर्णिया)। बेटी ने घर से भागकर लव मैरिज कर ली। परिवार को इस बारे में भनक तक नहीं लगी। स्थानीय पुलिस ने गलती से किसी अन्य के शव को उनकी बेटी का बताकर परिवार को सौंप दिया। परिवारवाले भी शव की पहचान न कर सके। बेटी का शव को देख पूरे परिवार में मातम पसर गया।

पिता ने बेटी की अर्थी सजाई। ग्रामीण शव यात्रा में शामिल हुए। पिता जवान बेटी को मुखाग्नि देने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, तो दादा ने अंतिम विदाई की रस्म निभाई। इसी बीच, शुक्रवार को एक वीडियो कॉल पर आवाज सुनाई दी ''पापा मैं तो अभी जिंदा हूं...'', तो हर कोई हैरत में पड़ गया।

अंशू की प्रेम कहानी को मिला मुकाम

लव मैरिज को भारत का ग्रामीण समाज हेय दृष्टि से देखता है। अधिसंख्य लोग इसका विरोध करते हैं।  इसके लिए कभी-कभी बेटी की बलि तक दे दी जाती है। लेकिन इस पराई चिता से अंशु की प्रेम कहानी को मुकाम मिल गया।

शव की पहचान के फेर में जिस अंशु की चिता पिता ने अपने हाथों से सजाई थी, उसकी तपिश ने पिता व बेटी के बीच की दीवार जला दी है।

स्वतंत्रता दिवस के दिन शुरू हुआ था मामला

15 अगस्त को भवानीपुर थाना क्षेत्र के अकबरपुर ओपी स्थित डढ़वा गांव की नहर में एक अज्ञात युवती का शव पुलिस ने बरामद किया था।

सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने पर बलिया ओपी क्षेत्र के तुलसी बिशनपुर निवासी विनोद मंडल ने शव की पहचान अपनी बेटी अंशु कुमारी के रूप में की थी।

कई दिन पुराना होने के कारण शव का चेहरा वीभत्स हो गया था। ऐसे में अंगुली व युवती के बदन पर मौजूद कपड़ों के आधार पर शव की पहचान की गई थी।

एक महीने से गायब थी अंशू

प्रेम-प्रसंग में अंशु एक माह से घर से गायब थी। उसने जानकीनगर थाना क्षेत्र के रुपौली हाल्ट निवासी निरंजन कुमार से मंदिर में शादी रचा ली थी। इसके बाद वह ससुराल में रह रही थी।

अखबारों में खुद के दाह-संस्कार की खबर देखकर अंशु विचलित हो गई। इसके बाद उसने भय छोड़कर शुक्रवार को वीडियो कॉल कर अपने पिता को खुद के जीवित होने की सूचना दी। पिता तो कॉल आते ही खुशी से रोने लगे।

छठ के बाद शुभ मुहूर्त में होगी अंशु की विदाई

अंशु के भाई दिवाकर मंडल ने कहा कि उनकी बहना जीवित है, यह बड़ी खुशखबरी है। अंशु हर बार उनकी कलाई पर राखी बांधती थी। कुछ न कुछ लेने की जिद करती थी, जो अच्छा लगता था। इस बार मन में निराशा थी। जिस दिन चिता जली, पूरा परिवार खूब रोया था।

परिवार में अब किसी को अंशु से कोई शिकवा नहीं है। अंशु उन्हें इस बार भी राखी भेजेगी। साथ ही हमलोगों ने शुभ मुहूर्त में बहन व बहनोई को यहां बुलाने का निर्णय लिया है। छठ के बाद का मुहुर्त है। उस दिन गांव को भोज भी दिया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।