पूर्णिया : सदर अस्पताल में महिला की मौत, नहीं मिला वाहन को पुत्र और पति बाइक से ले गए शव
पूर्णिया में मानवता शर्मसार करने वाली घटना घटी। यहां एक महिला की मौत हो गई। मौत के बाद स्वजनों ने शव वाहन की मांग अस्पताल प्रबंधन से की। लेकिन अस्पताल से वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके बाद शव को पति और पुत्र ने बाइक से ले गया।
By Edited By: Updated: Sun, 04 Jun 2017 03:01 AM (IST)
पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया सदर अस्पताल में मानवता को झकझोर देने वाला एक मामला तब सामने आया जब सुशीला देवी का शव उसके बेटे और पति द्वारा मोटर साइकिल पर ले जाया गया। दो दिन पहले सुशीला देवी को भर्ती कराया गया था जिसकी शुक्रवार को मौत हो गई। मौत के बाद श्रीनगर अपने घर ले जाने के लिए मृतक सुशीला देवी के पति शंकर को शव वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसे ले गए मां का शव शव वाहन नहीं मिलने के बाद उसे उसके बेटे और पति ने मोटर साइकिल पर ले जाने का फैसला किया।
शव को बीच में गमछा के सहारे अपने शरीर से उसका बेटा बांध लिया और पीछे मृतका के पति बैठ गए और शव को ले गए। यह मामला प्रकाश में आने के बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित कर जांच का निर्देश दिया है। अस्पताल प्रशासन के असंवेदनशीलता पर प्रभारी जिला पदाधिकारी उपविकास आयुक्त रामशंकर ने अपर समहर्ता और सिविल सर्जन की दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है और दो दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
इस मामले में टीम ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मृतका के पति से पूछताछ की गई है और उनसे पूछा गया है कि किस परिस्थिति में उसे मोटर साइकिल पर शव को ले ले जाना पड़ा। इस संबंध ने सिविल सर्जन ने कहा है कि सदर अस्पताल में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से शव वाहन उपलब्ध कराया जाता है जो बीपीएल परिवारों के लिए निश्शुल्क होता है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन से इसकी मांग की जाती है।
संबंधित व्यक्ति द्वारा प्रशासन से कोई मांग नहीं की गई थी। दरअसल सदर अस्पताल में 1099 शव वाहन का संचालन आउटसोर्स एजेंसी द्वारा किया जाता है अगर बीपीएल परिवार हुआ तो निशुल्क और एपीएल होने पर किमी के हिसाब को शुल्क लिया जाता है। लेकिन यह व्यवस्था मांग करने पर है। गौरतलब है कि श्रीनगर में से एक महिला सुशीला देवी को बुधवार को भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। उसके बाद उसके पति शंकर और उसका पुत्र शव को मोटर साइकिल पर ही लाद कर घर के लिए रवाना हो गए।
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