Purnea Crime पूर्णिया में सीमेंट कारोबारी पीयूष अग्रवाल का मुफ्फसिल थाना के थाना प्रभारी संतोष कुमार झा के साथ मिलकर अपने मुंशी को चार दिनों तक बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। यह मामला सामने आने के बाद थाना अध्यक्ष की दादागीरी खुलकर सामने आ गयी है।
By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Sun, 04 Jun 2023 02:15 PM (IST)
पूर्णिया, जागरण संवाददाता: पूर्णिया में सीमेंट कारोबारी पीयूष अग्रवाल का मुफ्फसिल थाना के थाना प्रभारी संतोष कुमार झा के साथ मिलकर अपने मुंशी को चार दिनों तक बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है।
यह मामला सामने आने के बाद थाना अध्यक्ष की दादागीरी खुलकर सामने आ गयी है। यह मामला तब सामने आया जब सीमेंट व्यापारी पीयूष अग्रवाल जो जीडी गोयनका स्कूल के निदेशक भी है, उनके मुंशी को जहर खाने के बाद इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार की रात दाखिल कराया गया।
मुंशी अनिल साह ने अस्पताल में बयां किया प्रताड़ना का दर्द
सीमेंट व्यापारी के मुंशी अनिल साह ने जो बताया, उससे सीमेंट व्यापारी और मुफ्फसिल थाना अध्यक्ष संतोष कुमार झा के बीच के गठजोड़ का खुलासा हुआ।मुंशी अनिल कुमार साह किशनगंज के धर्मगंज केला बगान का रहने वाला था तथा वर्ष 2019 से पीयूष अग्रवाल के सीमेंट गोदाम में काम करता था। कुछ दिनों पूर्व सीमेंट व्यापारी पीयूष अग्रवाल ने उस पर तीस लाख गबन करने का आरोप लगाया था।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत मुंशी अनिल कुमार साह ने बताया कि उसे इस मामले को लेकर जीडी गोयनका स्कूल में बुलाया गया, जहां पहले से ही थाना अध्यक्ष संतोष कुमार झा बैठे हुए थे।
वहां जाने के बाद उस पर तीस लाख रुपए गबन की बात स्वीकार कर लेने का दवाब बनाया गया, लेकिन वह इंकार करता रहा कि वह 15 हजार रुपए महीने की राशि पर मजदूरी करता है। वह इतनी बड़ी रकम का गबन कैसे कर सकता है।
थानाध्यक्ष ने हड़काया, पीटा फिर हाजत में रखा बंद
इसके बाद वहीं थाना अध्यक्ष ने ना केवल हड़काया, बल्कि उसकी पिटाई भी की और उसे अपने साथ लेकर थाना आ गए। मुंशी अनिल कुमार साह ने बताया की उसके खिलाफ किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं होने के बाद भी उसे लाकर थाने की हाजत में बंद कर दिया गया, जहां वहां रात भर बंद रहा।दूसरे दिन उसे फिर थाना अध्यक्ष ने अपने कक्ष में बुलाया जहां पहले सी सीमेंट व्यापारी पीयूष अग्रवाल बैठे थे, वहां उससे थाना अध्यक्ष ने पिटाई एवं बर्बाद करने का भय दिखाकर कई ब्लैंक चेक पर साइन करा लिए।
इसके अलावा कई सादे कागज एवं स्टांप पेपर पर भी हस्ताक्षर करवा लिए। इतना करवाने के बाद वह इस बात को लेकर परेशान हो गया कि अब उसकी और उसके परिवार की जिंदगी बर्बाद हो गयी है। इसके बाद पेड़ पौधे एवं फूल में डालने के लिए थाना हाजत के समक्ष रखे गए कीटनाशक को उसने खा लिया, जिसके बाद आनन-फानन में पीयूष अग्रवाल के कर्मी दिग्यविजय द्वारा इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया।
मुंशी की पत्नी को मोबाइल पर मिली पति के बंधक होने की खबर
मुंशी की पत्नी रूबी साह ने बताया की उसे फोन पर दिग्विजय द्वारा पैसे को लेकर बंधक बनाने की बात कही गयी। इसके द्वारा कहा गया की अगर पति को छुड़ाना है तो पैसे का जुगाड़ कर भेजे। इसके बाद उसके द्वारा कर्ज लेकर किसी तरह 70 हजार की राशि भेजी भी गयी। इसके बाद उससे जेवरात एवं जमीन के कागजात मांगें गए और सादे चेक पर हस्ताक्षर करके देने को कहा गया। पत्नी रूबी साह ने बताया की उसके पति अनिल ने जो जमीन 2011 में खरीदी थी, उस जमीन के कागजात उससे जबरन मांगे जा रहे थे।
दबंग थानाध्यक्ष ने दूसरे थानाक्षेत्र में किया हस्तक्षेप
सीमेंट व्यापारी का गोदाम सदर थाना क्षेत्र में पड़ता है और सीमेंट व्यापारी का कार्यालय भी सदर थाना क्षेत्र में ही है।
इस मामले में सदर पुलिस को किसी तरह की कोई सूचना दिए बिना मुफ्फसिल पुलिस ने अपनी दबंगई दिखाते हुए ना केवल मुंशी को कई दिनों तक अवैध तरीके से थाना में रखा, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की। मुफ्फसिल थाना अध्यक्ष कितने दबंग हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि थाने में बीस से ज्यादा सीसी कैमरे लगे रहने के बाद भी उनके द्वारा इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया गया। सदर डीएसपी पुष्कर कपमार ने बताया की एसपी के निर्देश पर उन्होंने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
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