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शव वाहन नहीं दिए जाने मामले में अस्पताल प्रबंधन दोषी

पूर्णिया। शव वाहन मुहैया नहीं कराए जाने पर मृतक सुशीला देवी को मोटर साइकिल से बांध कर बीस किमी दूर श्रीनगर ले जाने मामले की जांच कर ली गई है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 06 Jun 2017 03:00 AM (IST)
शव वाहन नहीं दिए जाने मामले में अस्पताल प्रबंधन दोषी

पूर्णिया। शव वाहन मुहैया नहीं कराए जाने पर मृतक सुशीला देवी को मोटर साइकिल से बांध कर बीस किमी दूर श्रीनगर ले जाने मामले की जांच कर ली गई है। नॉडल पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट प्रभारी डीएम को सौंप दी है। उपविकास आयुक्त सह प्रभारी जिला पदाधिकारी रमाशंकर ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिली है। दोषियों के खिलाफ 24 घंटे के अंदर कार्रवाई होगी।

शव वाहन उपलब्ध नहीं कराए जाने पर बाइक से शव को मोटर साइकिल से ले जाने का मामला मीडिया में आने के बाद डीएम के निर्देश पर एडीएम के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच दल गठित किया गया था। जिसमें अपर समहर्ता और सिविल सर्जन शामिल थे। जांच दल ने पीड़ित पक्ष से बात की तो उन्होने वाहन नहीं मिलने की बात कही। जिसके बाद शव को मोटर साइकिल पर ही लाद कर ले जाने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं था। मानवता को तार-तार करने वाली इस घटना को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया। एडीएम ने कहा कि इसमें अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही नजर आ रही है।

दरअसल गत दो मई को सुबह 10.30 बजे सुशीला देवी की मृत्यु हुई थी। जिसके बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया। जिसके बाद शव को ले जाने के लिए वाहनों की तलाश शुरू हुई। वाहन नहीं मिलने पर सुशीला देवी के पति ने अपने बेटे को श्रीनगर से बुलाया। जिसके बाद शव वाहन नहीं मिलने पर उसने मोटर साइकिल पर गमछे से बांध कर अपने मां का शव लेकर चला गया।

मामले में माना जा रहा है कि अगर अस्पताल प्रबंधक ने थोड़ी से सक्रियता और मानवता दिखायी होती तो यह शर्मनाक घटना नहीं होती। एडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन को दोषी ठहराया है। मामले में उपविकास आयुक्त सह प्रभारी जिला पदाधिकारी रमाशंकर ने कहा कि रिपोर्ट सोमवार को देर शाम प्राप्त हुई है। रिपोर्ट देखने के बाद मामले में दोषियों के खिलाफ 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की जाएगी। यह अतिसंवेदनशील मामला है इस तरह की लापरवाही मानवता के विरूद्ध अपराध है। दोषी किसी भी सूरत में बक्शे नहीं जाएंगे।

मानवता को शर्मसार करने वाला सफर

गौरतलब है कि श्रीनगर प्रखंड के रानीबाड़ी गांव के निवासी शंकर साह ने अपनी पत्नी सुशीला देवी को एक जून को हर्ट अटैक के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। दूसरे दिन दो जून को उसकी मृत्यु हो गई। दिन के घटना होने के बाद भी उसे शव वाहन नहीं दिया गया। तब उसके बेटे पप्पू साह ने मोटर साइकिल पर ही शव को ले जाने का फैसला लिया।

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कोट----

मृत महिला को ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं कराने मामले में जांच पूरी हो चुकी है। पीड़ित पक्ष से पूछताछ की गई है। जांच रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौंप दी गई है। मामले में प्रथम दृष्टया अस्पताल की लापरवाही नजर आ रही है।

डॉ र¨वद्रनाथ प्रसाद, जांच दल के नॉडल पदाधिकारी सह अपर समहर्ता

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