Pakistani Funding का अयोध्या लिंक खंगालने में जुटी जांच एजेंसियां, 500 से अधिक खातों में भेजी गई राशि
अयोध्या के पांच सौ से अधिक बैंक खातों में एक वर्ष से पाकिस्तानी फंडिंग की बात सामने आई है। बिहार एटीएस ने पूर्णिया पुलिस से अयोध्या के उन खातों की जानकारी ली है जिनमें पाकिस्तान से फंडिंग हुई है। नेपाल में बैठे 30 एजेंटों के माध्यम से बैंक खातों में रकम भेजी गई थी। सभी सीमावर्ती क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
राजीव कुमार, पूर्णिया। Bihar Terror Funding Case नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से हुई टेरर फंडिंग का अयोध्या लिंक खंगालने में जांच एजेंसियां जुट गई हैं। भारत के विभिन्न शहरों में हुई कुल फंडिंग की 70 प्रतिशत राशि अयोध्या के बैंक खातों में भेजने की बात सामने आ रही है। पकड़ में आए अररिया जिले के तीनों एजेंटों ने जांच टीम को बताया है कि पिछले करीब एक वर्ष में पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर अयोध्या के 500 सौ से अधिक बैंक खातों में पाकिस्तान से फंडिग की गई है।
इनके मोबाइल फोन एवं पुलिस के समक्ष दिए बयान से जांच एजेसियों को इस बात की भी जानकारी मिली है कि नेपाल में 30 से ज्यादा पाकिस्तानी एजेंट हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन एजेंटों ने पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में रहकर भारत के विभिन्न राज्यों में एक हजार से अधिक बैंक खाते में राशि भेजी है। अधिकतर राशि आतंकी और नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भेजी गई है। बिहार एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) एवं आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) की टीम ने भी पकड़ में आए तीनों एजेंटों से पूछताछ की है।
बैंक खातों की पूरी डिटेल खंगाल रही जांच एजेंसियां
बताया गया कि पाकिस्तानी से हुई फंडिंग के पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए जल्द ही इन्हें रिमांड पर लिया जा सकता है। रिमांड पर लेने के दौरान पूछताछ के लिए बिहार एटीएस की टीम के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और आईबी के अधिकारियों के मौजूद रहने की संभावना है। जांच एजेंसियां अयोध्या के उन बैंक खातों का पूरा डिटेल जुटा रही है, जिनमें राशि भेजी गई है। प्रत्येक खाते में 10 से 15 लाख रुपये भेजी गई है। कई बैंक खातों में तो एक वर्ष में दो से तीन बार तक राशि भेजी गई है। खाते में राशि पहुंचते ही निकाल ली जाती थी।
जांच एजेंसियों के सामने ये है बड़ा सवाल
अयोध्या जिले में ही सबसे अधिक खातों में राशि क्यों भेजी गई, जांच एजेंसियों के समक्ष यह बड़ा सवाल बना हुआ है। गत आठ दिसंबर को पुलिस ने इन तीनों एजेंटों को गिरफ्तार किया था। इन्होंने बताया था कि नेपाल में खाते खुलवाकर उसमें पाकिस्तान से मोटी रकम मंगाते थे और फिर उसे रुपये में बदलकर भारत के विभिन्न शहरों के खातों में भेज देते थे। ये हर तीन महीने में अपने मोबाइल फोन को बदल लेते थे। इस कारण जांच में कई तरह की कठिनाई सामने आ रही है।
एजेंटों से जिन पाकिस्तानी हैंडलर के मोबाइल नंबर हाथ लगे हैं, वे कहां से संचालित हो रहे हैं, जांच एजेसिंया इसका भी पता लगा रही है। अब तक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि एजेंट जिनसे संपर्क में थे, वे नंबर पाकिस्तान के हैं तथा हैंडलर भी पाकिस्तान से ही एजेंटों से बात कर रहे थे।
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