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SSC MTS Exam 2024: एसएससी परीक्षा की हर पाली में बैठाए जाते थे 10 फर्जी अभ्यर्थी, TCS के अधिकारी ने खोला राज

एसएससी एमटीएस परीक्षा में बड़ा घोटाला सामने आया है। पूर्णिया डिजिटल सेंटर में हर शिफ्ट में 10 फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते थे। टीसीएस के वेन्यू कमांडिग आफिसर ने खुलासा किया कि उन्हें एक फर्जी अभ्यर्थी के बदले 80 हजार रुपये मिलते थे। गिरोह के सरगना विवेक और रोशन कुमार मंडल छात्रों के जुगाड़ का काम करते थे। एसएससी के फ्लाइंग आफिसर इजहार आलम भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।

By Rajeev Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 19 Nov 2024 07:50 PM (IST)
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एसएससी परीक्षा की हर पाली में बैठाए जाते थे 10 फर्जी अभ्यर्थी
राजीव कुमार, पूर्णिया। एसएससी एमटीएस (कर्मचारी चयन आयोग मल्टी टास्किंग) परीक्षा में फर्जीवाड़ा जिस दिन से परीक्षा शुरू हुई उसी दिन से चल रहा था। पूर्णिया डिजिटल केंद्र में हर दिन हर शिफ्ट में 10 फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में बैठाए जाते थे। एक दिन में इस केंद्र में तीन शिफ्ट में एसएससी की परीक्षा होती थी और तीनों शिफ्ट में 30 फर्जी अभ्यर्थियों को बैठाकर फर्जीवाड़ा किया जाता था।

केंद्र का संचालन करने वाली एजेंसी टीसीएस (टाटा कंसलटेंसी सर्विस) के वेन्यू कमाडिंग ऑफिसर आदित्य कुमार अमन से पूछताछ में यह उजागर हुआ है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस के समक्ष दिए गए बयान में आदित्य ने यह भी स्वीकारा कि फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी उसे थी और एक फर्जी परीक्षार्थी के बदले उसे भी 80 हजार रुपये मिलते थे।

पूर्णिया डिजिटल केंद्र में 208 अभ्यर्थियों की एक साथ परीक्षा लेने की क्षमता है, लेकिन एसएससी ने यहां 190 छात्रों के एक शिफ्ट में परीक्षा लेने की अनुमति दी थी। यहां एसएससी की परीक्षा नौ अक्टूबर से ली जा रही थी और इस केंद्र पर फर्जीवाड़ा 13 नवंबर को पकड़ा गया। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के पहले यहां 11 दिनों तक एसएससी की परीक्षा तीन शिफ्टों में हो चुकी थी। हर दिन हर शिफ्ट की परीक्षा में 10 फर्जी परीक्षार्थी शामिल होते थे। 13 नवंबर को कुछ ज्यादा फर्जी छात्रों के शरीक होने के कारण इस मामले का भंडाफोड़ हो गया।

गिरफ्तार आदित्य ने बताया कि छात्रों के जुगाड़ का काम इस गिरोह के सरगना विवेक एवं कटिहार के रहने वाले रोशन कुमार मंडल द्वारा किया जाता था। इसके अलावा, जिन छात्रों के मैनेज करने की जानकारी गिरोह के सरगना द्वारा दी जाती थी, उसे बिना जांच के ही उनके द्वारा अंदर प्रवेश करा दिया जाता था। गिरोह के सरगना रोशन एवं विवेक वैसे परीक्षार्थी के रोल नंबर के अंतिम के चार अंक मैसेज के माध्यम से भेजते थे।

टीसीएस कर्मी आदित्य कुमार अमन अररिया जिले के शिवपुरी वार्ड संख्या नौ का रहने वाला है। वह 2020 में टीसीएस कंपनी में बहाल हुआ, जिसमें उसकी पहली पोस्टिंग पटना फ्यूचर आइटी ऑनलाइन परीक्षा केंद्र पर हुई। 2022 में उसका तबादला आइओएन डिजिटल पूर्णिया किया गया।

एसएससी के फ्लाइंग ऑफिसर की मिलीभगत:

पुलिस को दिए बयान में टीसीएस कर्मी आदित्य ने यह भी उजागर किया है कि फर्जीवाड़े के खेल में एसएससी के फ्लाइंग आफिसर इजहार आलम भी शामिल थे। इसके एवज में गिरोह के सरगना द्वारा मोटी रकम फ्लाइंग आफिसर को दी जाती थी। फ्लाइंग ऑफिसर इस फर्जीवाड़ा में प्रयाग राज स्थित एसएससी कार्यालय को भी मैनेज करते थे। आदित्य ने यह भी बताया कि इस केंद्र पर बायोमेट्रिक के लिए सात काउंटर बने थे, जो उसकी निगरानी में रहते थे। यहां से ही वायर जोड़कर पास के कमरे में बैठे छात्र की इन-आउट दिखा दी जाती थी।

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