NEET Exam में बड़ा 'खेल', नीतीश कुमार समेत 4 'मुन्ना भाई' गिरफ्तार; 20 लाख में हुई थी डील
एसआरडीएवी स्कूल को नीट की परीक्षा का केंद्र बनाया गया था। नीट की परीक्षा रविवार को दो बजे से शुरू हो गई थी। परीक्षा शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद पर्यवेक्षक को इनकी हरकतों को देखकर शक हुआ। जिसके बाद पूछताछ में ये भंडा फूटा। पकड़े गए डमी कैंडिडेट की राजस्थान के जालौर जिले के सांचौर थाना के खाकाराम गांव निवासी कमलेश कुमार के रूप में हुई है।
राजीव कुमार, पूर्णिया। नीट की परीक्षा के दौरान पूर्णिया में पकड़े गए चार मुन्ना भाई के तार राजस्थान से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि, पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी बताने से बच रही है और मामले की जांच जारी होने की बात बता रही है। नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक होने का मामला भी राजस्थान से ही जुड़ा हुआ है।
पूर्णिया में जो चार मुन्ना भाई पकड़े गए हैं उनमें एक मुन्ना भाई राजस्थान के जलौर का रहने वाला है। पूर्णिया में पकड़ में आए चारों मुन्ना भाई जो खुद मेडिकल के छात्र हैं और वे दूसरे के बदले नीट की परीक्षा में बैठकर परीक्षा दे रहे थे।
20 लाख में हुई थी डील
पकड़ में आए मुन्ना भाई ने पुलिस के समक्ष इस बात का खुलासा किया है कि सभी चारों को इसके एवज में 20 लाख मिलना था। नीट पेपर की परीक्षा पूरी होने के बाद प्रति छात्र 5 लाख की रकम मिलनी थी। पकड़े गए परीक्षार्थी से बीती रात से ही पुलिस पुछताछ कर रही है।पकड़े गए डमी कैंडीडेट राजस्थान के जालौर, भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी के हैं। ये सभी मेडिकल छात्र बताए जा रहे हैं। सभी परीक्षार्थी को शहर के मधुबनी टीओपी थाना के एसआरडीएवी स्कूल के परीक्षा सेंटर से पकड़ा गया है।
एसआरडीएवी स्कूल को नीट की परीक्षा का केंद्र बनाया गया था। नीट की परीक्षा रविवार को दो बजे से शुरू हो गई थी। परीक्षा शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद पर्यवेक्षक को इनकी हरकतों को देखकर शक हुआ। जिसके बाद पूछताछ में ये भंडा फूटा। पकड़े गए डमी कैंडिडेट की राजस्थान के जालौर जिले के सांचौर थाना के खाकाराम गांव निवासी कमलेश कुमार के रूप में हुई है।
कमलेश अभ्यर्थी धीरज प्रकाश की जगह परीक्षा का पेपर लिख रहा था। वहीं दूसरे की पहचान भोजपुर जिले के बिहियां गांव के वार्ड 2 निवासी धर्मपाल सिंह के बेटे नीतीश कुमार के रूप में हुई है। नीतीश अभ्यर्थी आशीष की जगह परीक्षा दे रहा था। वहीं, तीसरे की पहचान बेगूसराय जिले के मटिहानी थाना के रामदेरी गांव, टोला नकती वार्ड 6 निवासी विजय गुप्ता के बेटे सौरभ कुमार के रूप में हुई है।
सौरभ अभ्यर्थी तथागत कुमार की जगह नीट की परीक्षा दे रहा था। वहीं चौथे की पहचान सीतामढ़ी जिले के चौरोथ थाना के बड़ी बिहटा गांव के वार्ड 4 निवासी नील रंजन चौधरी के बेटे मयंक चौधरी उर्फ कृष्णा कुमार के रूप में हुई है। मयंक दीपक कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था।पकड़ में आए मुन्ना भाई मयंक चौधरी ने बताया कि वे सभी मेडिकल के छात्र हैं। किसी के जरिए ये डील 20 लाख में फिक्स हुई थी। 5-5 लाख करके चारों डमी कैंडिडेट में बांटें जाने थे। अभी सिर्फ खर्चा पानी के लिए पैसे मिले थे। पेपर पूरे हो जाने पर बाकी के रकम दिए जाते। मगर पेपर लिखते समय उनके फोटो मिलान के लिए आए परीक्षक को उनके ऊपर शक हुआ।
पेपर लिखकर वे जैसे ही एग्जाम सेंटर से निकल रहे थे। उन्हें इससे पहले ही रोक लिया गया। मामले की जानकारी देते हुए एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा कि मधुबनी थाना क्षेत्र के एसआरडीएवी स्कूल के नीट की परीक्षा के दौरान एग्जाम सेंटर पर पर्यवेक्षक को चार लड़के संदिग्ध मालूम पड़े। जिसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई। परीक्षा की समाप्ति के बाद पुलिस ने सभी से पुछताछ शुरू कर दी। पूछताछ में सभी मुन्ना भाई ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
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पुलिस को पूछताछ में इस बात की जानकारी मिली है कि पकड़ में आए चार मुन्ना भाई में सभी मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। इसमें मयंक चौधरी चद्रपुर सरकारी मेडिकल कॉलेज महाराष्ट्र का छात्र है।इसके अलावा, नीतीश कुमार एसकेएमसीएच मुज्जफरपुर, कमलेश कुमार जीएमसी बंबोली गोवा तथा सौरव कुमार डीएमसीएच दरभंगा मेडिकल कॉलेज का छात्र है। इसमें मंयक चौधरी एवं नीतीश कुमार मेडिकल के दूसरे वर्ष के छात्र हैं जबकि कमलेश एवं सौरव प्रथम वर्ष मेडिकल के छात्र है।ये भी पढ़ें- Amit Shah: 'नित्यानंद मेरा जिगरी है, मैं इसे बड़ा आदमी बनाऊंगा'; उजियारपुर में बोले अमित शाह ये भी पढ़ें- Bihar Crime News: हार्डवेयर व्यवसायी से हथियार के बल पर 2.77 लाख लूटे, अपराधियों ने की फायरिंग; एक घायलपकड़ में आए चार फर्जी छात्रों से पूछताछ की जा रही है। उनसे कई तरह की अहम जानकारियां मिली है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है। इस गिरोह के तार कहां से जुड़े हैं और इस गिरोह का सरगना कौन हैं, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है। - उपेन्द्र नाथ वर्मा, एसपी, पूर्णिया