Bihar Political News पप्पू यादव लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के मूड में नहीं हैं। इसका संकेत उन्होंने खुद दे दिया है। कोर्ट से झटका मिलने के बाद पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने चुनाव को लेकर कहा कि महागठबंधन से उनकी बातचीत चल रही है। इसके साथ उन्होंने भाजपा पर जमकर भड़ास भी निकाली। उन्होंने यह बता दिया कि उन्हें कितनी सीटों की आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया।
I.N.D.I.A Seat Sharing जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कहा कि ऐन चुनाव मौके पर केंद्र की भाजपा (BJP) सरकार द्वारा सीसीए लागू करना उनकी कमजोरी को उजागर कर दिया है।
राम मंदिर जैसे मुद़्दों के फेल रहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अंतिम हथकंडा अपनाया है। यह चुनावी ध्रुवीकरण की ओछी राजनीति है।
श्री यादव बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पीएम के दोनों कार्यकाल में जनता से जितने भी वादे किए गए, सभी हवा-हवाई रह गए।
बैंकों के रुपये गायब हो गए- पप्पू यादव
काला धन वापस करने की बात तो दूर यहां बैंकों के रुपये गायब हो गए। नोटबंदी से गरीबों को लाभ व अमीरों पर नकेल कसने की बात कही गई, लेकिन परिणाम सभी के सामने है। बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह फेल रही। सरकार ने अग्निवीर की बहाली के जरिए सैनिकों का अपमान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने वैसे लोगों को भी नहीं छोड़ा, जिसने भाजपा को सींचने का काम किया है। बाबा साहब ठाकरे, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, उमा भारती, ऋतंभरा सहित कई ऐसे नाम है, जिन्हें किनारा कर दाेनों को भाजपा को हाथ की कठपुतली बना लिया है।
नया भाजपा मूल रुप से चार सौ पार का नारा देने वाले प्रधानमंत्री अब इतना डर चुके हैं कि जिन्हें कभी गालियां देते थे, उन्हें गले लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व गुजरात के हार्दिक पटेल सहित कई ऐसे उदाहरण हैं।
चुनावी बांड आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला
पूर्व सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तल्खी के बाद एसबीआई चुनावी बांड का डिटेल दे रही है। पहले केंद्र सरकार के दबाब में बैंक चुप्पी साधे हुए थी। उन्होंने कहा कि यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। ईडी, सीबीआई (ED-CBI) के साथ-साथ चुनाव आयुक्त तक रातों-रात बदल दिया जाता है। हर एजेंसी का उपयोग सरकार अपने हित के लिए करना चाह रही है।
इससे विलग उन्होंने सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए सवाल किया कि आखिर सरकार किसानों का हित चाहती है तो फिर एमएसपी लागू करने से क्यों हिचक रही है।
पूर्णिया सीट पर ही समझौता, कांग्रेस की नीतियों पर विश्वास
महागठबंधन से चुनाव लड़ने के सवाल पर पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस (Congress) की नीतियों पर वे सदा से विश्वास करते रहे हैं। कांग्रेस से बातचीत चल रही है। वे बस एक सीट की मांग महागठबंधन से कर रहे हैं। पूर्णिया सीट (Purnia Lok Sabha Seat) से उनका वर्षों का रिश्ता है और उनके यहां से चुनाव लड़ने से महागठबंधन को केवल यहां ही नहीं कोसी व सीमांचल के हर सीटों पर लाभ मिलेगा।
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