अब दियारा समेत दुरुह इलाकों के मरीज भी सहजता से पहुंचेंगे अस्पताल
जिले में अब दियारा समेत दुरुह इलाकों के मरीज भी सहजता से अस्पताल पहुंचेंगे। यहां बाइक एंबुलेंस की सेवा आरंभ हो गई है। इस एंबुलेंस की सुविधा विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मिलेगी।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 28 Apr 2022 06:24 PM (IST)
दीपक शरण, पूर्णिया। जिले में अब दियारा समेत दुरुह इलाकों के मरीज भी सहजता से अस्पताल पहुंचेंगे। यहां बाइक एंबुलेंस की सेवा आरंभ हो गई है। इस एंबुलेंस की सुविधा विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मिलेगी। दुरूह व दियारा इलाकों के लिए बाइक एंबुलेंस वरदान साबित होगा।
इस जिले से कोसी, महानंदा, परमान, कनकई नदी गुजरती है। तमाम विकास कार्यों के बावजूद कई इलाकों में एंबुलेंस का सहजता से पहुंचना मुश्किल होता है। खासकर बरसात के समय स्थिति ज्यादा विकट हो जाती है। अब भी कई गांवों के लोग नावों से पार कर घर पहुंचते हैं। ऐसे में मरीजों को अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में बाइक एंबुलेंस से संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी होगी। जिले में 30 फीसद अभी भी गर्भवती महिलाएं संस्थागत प्रसव से वंचित हैं। इसका महत्वपूर्ण कारण समय पर परिवहन सुविधाओं का नहीं मिलना है। इस कारण जच्चा और बच्चा दोनों की जान जोखिम में पड़ती है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में जहां एंबुलेंस तक पहुंचना मुश्किल है और सड़क की हालत खस्ता है, उन स्थानों से अस्पताल तक गर्भवती महिलाओं को लाना एक चुनौती है। ऐसे में यह बाइक एंबुलेंस इस चुनौती से निपटने में कारगर होगी। 71 फीसद ही मिल रहा संस्थागत प्रसव का लाभ राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे पांच में यह उजागर हुआ है कि जिले में महज 71 फीसद महिलाएं ही संस्थागत प्रसव का लाभ ले पा रही हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक पहल ऐसे ही सुदूर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए मोटर बाइक एंबुलेंस लाई है। अच्छी बात यह है कि 125 सीसी की मोटर साइकिल में ही एक प्रसूता को लाने के लिए बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। नीति आयोग से जिले को मिले पुरस्कार राशि से इस मोटर एंबुलेंस की खरीद गई है। बायसी अनुमंडल को मिलेगा विशेष लाभ बता दें कि बायसी अनुमंडल के अमौर, बैसा, बायसी जैसी प्रखंड बाढ़ के समय जिला मुख्यालय से कट जाते हैं वहां यह काफी कारगर साबित होगा। कई ऐसे सुदूर ग्रामीण इलाके हैं जहां से मरीज को जिला मुख्यालय तो दूर प्रखंड मुख्यालय तक लाना भी एक चुनौती होती है। वैसे स्थानों से नवजात और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने में बाइक एंबुलेंस काफी कारगर साबित होगी। असुरक्षित प्रसव के लिए मजबूर गर्भवती महिलाएं को लिए यह सुविधा वरदान साबित होगी। सभी प्रखंड में एक -एक मोटर बाइक एंबुलेंस देने की योजना है। वैसे प्रखंड जो जिला मुख्यालय के करीब हैं वहां अभी भी यह सुविधा नहीं दी गई है। पहले चरण में दस बाइक एंबुलेंस की खरीद की गई है। बाइक एंबुलेंस से बैसा, अमौर, बायसी, डगरुआ, रुपौली और बनमनखी प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के साथ -साथ नवजात बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की योजना है। मातृ मृत्यु दर में आएगी कमी
जिले में अभी भी मातृ मृत्यु दर उच्च है। मातृ मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित प्रसव है। संस्थागत प्रसव के अभाव में असमय ही जच्चा और बच्चा दम तोड़ देता है। इसके लिए यह योजना काफी कारगर साबित होगी। सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा ने बताया कि नीति आयोग से प्राप्त राशि से एंबुलेंस की खरीद हुई है। सुदूर ग्रामीण इलाके से गर्भवती महिलाओं और नवजात को अस्पताल लाने में यह कारगर साबित होगा।
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