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Purnia News: सीओ का तुगलकी फरमान, मौसम विभाग से मांगा 36 साल का लगान; पढ़िए क्या है पूरा मामला

Purnia News जमीन विवाद मामले में सरकारी विभाग की ओर से एक अजीब मामला सामने आया है। पूर्णिया पूर्व अंचल कार्यालय ने मौसम विभाग को 2 साल पहले हस्तांतरित जमीन का 36 साल का लगान रसीद भेजा है जिसकी राशि 15420 रुपये है। अपर समाहर्ता ने माना कि यह गलत है और इसकी जांच कराएंगे। यह मामला सरकारी विभागों की मनमानी को दर्शाता है।

By Manoj Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 27 Sep 2024 03:36 PM (IST)
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पूर्णिया मौसम विभाग कार्यालय भवन (जागरण फोटो)
 मनोज कुमार,  पूर्णिया। Purnia News: जमीन विवाद खत्म करने के लिए सरकार नई-नई योजनाएं ला रही है लेकिन बाबुओं के कारनामे सरकारी प्रयास पर पानी फेर रहा है। रैयत हो या सरकारी विभाग सभी अंचल कार्यालय की मनमानी से प्रभावित हो रहे हैं। इसी तरह का एक मामला पूर्णिया पूर्व अंचल में सामने आया है।

इसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से मौसम विभाग, भारत सरकार को महज दो साल पहले हस्तांतरित की गई जमीन का 36 साल का लगान रसीद भेजा गया है। वित्तीय वर्ष 1988-89 से 2024-25 तक का 15,420 रुपये बकाया राशि की मांग विभाग से की गई है।

अपर समाहर्ता रवि राकेश ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा उक्त जमीन का निबंधन मौसम विभाग को किए जाने के बाद इसकी जमाबंदी कायम की गई है। जब से म्युटेशन हुआ है उसी तिथि से लगान रसीद निर्धारित की जाएगी।

उससे पहले उक्त जमीन बिहार सरकार की थी इसलिए उसका लगान निर्धारित नहीं हो सकता है। उन्होंने माना की दो साल से अधिक का लगान मौसम विभाग से लिया जाना गलत है। वे इसकी जांच कराएंगे।

आजादी से पूर्व 1874 में हुई है मौसम केंद्र की स्थापना 

पूर्णिया के सामरिक और भौगोलिक महत्व को देखते हुए अंग्रेजों ने यहां आजादी से 73 साल पूर्व मौसम केंद्र की स्थापना की थी। तब यहां एक छोटे से कमरे में इसकी स्थापना की थी जिसका विस्तार आज तक नहीं हो पाया है। आजादी के बाद आज भी उक्त जर्जर कमरे में ही मौसम कार्यालय संचालित है।

यह कार्यालय बिहार सरकार की खास महल जमीन पर अवस्थित है। कुछ साल पहले जब इसके अपग्रेडेशन को लेकर केंद्र सरकार की नजरें इनायत हुई तो मामला जमीन पर आकर फंस गया। जमीन बिहार सरकार की थी तो केंद्र इसके लिए राशि कैसे आवंटित करती तब जमीन के हस्तांतरण की प्रक्रिया की पहल शुरू हुई।

पहले निशुल्क हस्तांतरण के लिए काफी मशक्कत की गई लेकिन बात नहीं बनने पर केंद्र इसके लिए निर्धारित शुल्क देने को राजी हो गया। अंतत: दो साल पहले मार्च 2023 में उक्त जमीन का हस्तांतरण मौसम विभाग भारत सरकार को किया गया।

इसके लिए एक करोड़ 34 लाख 29 हजार 650 रुपये का शुल्क भारत सरकार ने अदा किया। अभी पोर्टा केबिन के तहत वहां कार्यालय का संचालन शुरू हुआ है। भवन निर्माण होने के बाद यहां डाप्लर वेदर रडार व रेडियो विंड आदि की स्थापना की जाएगी।अब मामला जमीन की लगान रसीद को लेकर अटक गया है।

34.435 डिसमिल जमीन का 36 साल का भेजा लगान रसीद 

मौसम विभाग को कुल 34.435 डिसमिल जमीन का हस्तांतरण बिहार सरकार द्वारा मार्च 2023 में मौसम विभाग को की गई है। पूर्णिया पूर्व अंचल द्वारा गजब का कारनामा दिखाते हुए दो साल पहले हस्तांतरित जमीन का 36 साल का लगान निर्धारित कर दिया है।

अंचल कार्यालय द्वारा मौसम विभाग को रसीद भेज कर 15,420 रुपये लगान जमा कराने को कहा है। अब मौसम विभाग पसोपेस में है कि अगर लगान देना भी है तो दो साल का निर्धारण होना चाहिए। पिछले 36 साल का लगान विभाग भला कैसे दे पायेगा। जो भी हो अंचल कार्यालय के अजब-गजब कारनामे से आम लोगों के साथ सरकारी विभाग भी परेशान हैं।

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