Purnia News पूर्णिया के धमदाहा के बिशनपुर अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां डॉक्टर ने बिना मास्क के ही मरीज का ऑपरेशन कर दिया। संक्रमण को नजरअंदाज करते हुए डॉक्टर ने जिस तरह से गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया उससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान को खतरा हो सकता था। धमदाहा अनुमंडल अस्पताल के प्रबंधन ने ग्रुप में इससे जुड़ी कई तस्वीरें साझा कीं।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Purnia News: सरकार मातृ - शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए संक्रमण मुक्त प्रसव सुनिश्चित करने का गाइडलाइंस भी दी गई हैं। नियमित ओटी और प्रसव कक्ष के गुणवत्ता में सुधार के लिए टीम विजिट भी करती है।
इसके बावजूद इन मापदंडों का खुलेआम उल्लंघन भी चिकित्सक स्वयं कर रहे हैं। इस बात खुलासा जिला स्वास्थ्य समिति के व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो शेयर करने के बाद हुई है।
फोटो वायरल होने के बाद उठने लगे सवाल
इस फोटो को धमदाहा अनुमंडल अस्पताल के प्रबंधन ने ग्रुप में शेयर किया है। एक के बाद एक कई फोटो शेयर किया गया। फोटो में साफ पता चल रहा है सर्जन ना ही मास्क पहने हुए हैं। एक दूसरे फोटो में उन्होंने ओटी में ही अपना टोपी भी हटा दिया है। सिर भी कवर नहीं है।
यह हालत तब है जब इस ग्रुप में सिविल सर्जन और जिला पदाधिकारी भी जुड़े हुए हैं। यह मामला धमदाहा के बिशनपुर अस्पताल का है जहां ओटी में सर्जन ने सिजेरियन आपरेशन किया जिसकी तस्वीर जारी की
गई है। ग्रामीण इलाके में सिजेरियन करना अच्छी बात है लेकिन क्या नियम को दरकिनार कर, संक्रमण को नजरदांज कर सर्जन प्रोटोकाल का भी पालन नहीं करेंगे।
सर्जन ने मास्क उतारकर नवजात को हाथ में उठाया
खास बात यह है कि ओटी में धमदाहा अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी नजर आ रहे हैं जो स्वयं मास्क पहने हुए हैं लेकिन अपने सर्जन को ऐसे करने के लिए नहीं कह पा रहे हैं। विभाग गुणवत्ता मानक सुनिश्चित करने के लिए प्रसव कक्ष और ओटी को संपूर्ण तौर पर
संक्रमण मुक्त बनाया जाने का दिशा निर्देश दिया गया है।
इसके लिए समय - समय पर टीम विजिट कर प्रशस्ति पत्र और अंक भी प्रदान करती है। इस मामले में तो सर्जन ही ऑपरेशन के दौरान प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं।
बच्चे के जन्म के बाद फोकस भी बच्चे को सुरक्षित करने के बजाय फोटो के लिए पोज देने में अधिक दिख रहा है। निश्चित तौर पर यह गंभीर मामला है जो जच्चा व बच्चा के सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ करना है। सिविल सर्जन ने इस मामले को गंभीर बताया और कहा ओटी में मास्क सर्जन को पहनना चाहिए।
खिलवाड़ करने वाले को मिला खिताब
पिछले सप्ताह बेहतर योगदान के लिए कई चिकित्सकों को प्रशस्ति पत्र जिला पदाधिकारी द्वारा प्रदान किया गया है। उसमें एक धमदाहा अस्पताल में सिजेरियन प्रसव वाली महिला का बंध्याकरण में विशेष उपलब्धि को लेकर जिला पदाधिकारी ने धमदाहा प्रभारी उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल को प्रदान किया गया है।
सिजेरियन प्रसव वाली महिला का मिनीलेप आपरेशन करने का फैसला दरअसल परिवार नियोजन के सामान्य प्रोटोकाल का उल्लंघन है। यह काफी जोखिम भरा फैसला था वह तब जब परिवार नियोजन के कई अन्य विकल्प मौजूद थे। वैसे कई सवाल उठता है कि क्या खिताब के लिए महिला के जान के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया गया।
महिलाओं की जान के साथ खिलवाड़
बंध्याकरण वैसे महिला जो सिजेरियन हो चुका है या पेट का अन्य ऑपरेशन पूर्व हो चुका है उसको मिनीलेप के लिए तैयार किया गया। काउंसलिंग कर पुरुष को नसबंदी के लिए तैयार किया जा सकता था। दूसरी तरफ अस्थाई गर्भनिरोधक उपाय के बारे में बताया जा सकता है।
इतना ही नहीं यह आपरेशन वैसे सेंटर में किया गया जहां ब्लड स्टोरेज यूनिट भी कार्यरत नहीं है। निश्चित तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि यह जोखिम भरा फैसला था ऐसे सेंटर इससे बचा जा सकता है। कभी बड़ी घटना हो सकती है। इसको अधिक प्रचारित भी नहीं किया जाना चाहिए।
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