Purnia News पूर्णिया के एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने ताबड़तोड़ एक्शन लिया है। उन्होंने एक साथ 75 पुलिस ऑफिसर के वेतन पर रोक लगा दी है। उन्होंने इन सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अब भी सुधार नहीं होता है तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन पुलिस अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है जिसके बाद पुलिस अधीक्षक आगबबूला हो गए।
राजीव कुमार,
पूर्णिया। Purnia News: जिले में दर्ज होने वाले मामलों के निष्पादन में लापरवाही बरतना जिले के 75 पुलिस पदाधिकारियों को भारी पड़ा है। मामले के निष्पादन में बरती जा रही शिथिलता को देखते हुए एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने एक साथ 75 पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। एसपी के आदेश के बाद इन सभी पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है।
वेतन रोकने के बाद भी सुधार नहीं तो होगा कड़ा एक्शन
एसपी ने वेतन रोकने का आदेश देते हुए यह भी कहा है कि इसके बाद भी अगर इन पुलिस पदाधिकारियों द्वारा अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाया जाता है तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निलंबित भी किया जा सकता है।
सबसे अधिक मरंगा थाना के 8 पुलिस अधिकारी
एसपी ने जिन पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है, उसमें सबसे अधिक मंरगा थाना के आठ पुलिस पदाधिकारी, बड़हरा कोठी एवं टीकापट्टी तथा भवानीपुर के सात- सात पुलिस पदाधिकारी, मुफ्फसिल एवं अमौर थाना के छह- छह पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं।
उनके अलावा केनगर थाना के चार, कसबा थाना के तीन, सदर थाना के तीन, सहायक खजांची थाना के चार, रूपौली थाने के तीन, रौटा थाने के चार पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई गयी है। चंपानगर एवं श्रीनगर थाना के दो- दो पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर भी रोक लगाई गयी है। इन अनुसंधानकर्ताओं के पास कई मामले लंबे समय से लंबित है तथा निष्पादन के बाद भी इन सभी अनुसंधान कर्ता द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित नहीं किया गया है।
क्या थी पुलिसवालों की गलती
एसपी ने जिन 75 पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई है उनके द्वारा 125 मामलों की जांच पूरी होने के बाद भी मामलों में न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया गया है। इस तरह की लापरवाही को एसपी ने गंभीर अपराध मानते हुए वेतन रोकने का आदेश दिया है।
इसमें सबसे अधिक आरोप पत्र बड़हरा कोठी के सहायक अवर निरीक्षक इस्लामुद्दीन के पास हैं। उनके पास पांच मामले ऐसे हैं जिनकी जांच पूरी होने के बाद भी आरोप पत्र समर्पित नहीं किया गया है। इनमें बीकोठी थाना कांड संख्या 36/2024, 37/2024, 61/2024, 98/2024 शामिल है। इसी तरह टीकापट्टी थाना के सहायक अवर निरीक्षक जय प्रकाश यादव द्वारा तीन मामलों की जांच पूरी होने के बाद भी आरोप पत्र नहीं सौंपा गया है। उनके पास टीकापट्टी थाना कांड संख्या 28 /2024, 51/2024, एवं 53/2024 लंबित है।
रूपौली थाना के पुलिस अवर निरीक्षक सुष्मिता कुमारी के पास जांच पूरी होने के बाद दो मामले लंबित हैं। उनमें थाना कांड संख्या 65/2024 एवं 77/2024 शामिल है। टीकापट्टी थाना के ही पुलिस अवर निरीक्षक स्नेहिल द्वारा चार मामले की जांच पूरी होने के बाद भी आरोप पत्र नहीं सौपा गया है। उनके पास थाना कांड संख्या 80/2024, 81/2024, 83/2024 एवं 84/2024 का आरोप पत्र नहीं दिया गया है।
जिन पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई गयी
एसपी ने जिन 75 पुलिस पदाधिकारियों पर एक साथ वेतन रोकने का आदेश दिया उनमें बीकोठी थाने के विरेन्द्र कवि, रंजन कुमार, विजय पंडित, दीपक कुमार, विलट पासवान, एवं शिवम कुमार है। भवानीपुर थाना के शंभू प्रसाद, रणविजय कुमार, सतेन्द्र कुमार सिंह, मनोज कुमार साह, चन्द्रभूषण प्रसाद, जनार्दन प्रसाद, एवं सन्नो प्रवीण शामिल है। रूपौली थाना के संटू सिंह, कातेश्वर नाथ पाण्डेय, टीकापट्टी थाने के समीर कुमार, कृष्ण कुमार सिंह, राज कुमार राम, ददन कुमार, उपेन्द्र कुमार, शामिल हैं।
केनगर थाना के जिन पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई गयी है उनमें संगीता कुमार,बाबूदिन, सत्यदेव ठाकुर, कसबा थाना की सोनी कुमारी, रंजीत पासवान, एवं शंभू पासवान सदर थाना की प्रिया कुमारी, अजीत कुमार दास , सुदर्शन राम शामिल है। मंरगा थाना के अभय रंजन, मो. चांद मंसूरी, नंदजी प्रसाद, मनोज कुमार पासवान, उत्तम कुमार विष्णुकांत, पप्पू कुमार एवं संगीता कुमारी शामिल हैं।
मामलों के निष्पादन में लापरवाही बरते जाने की बात सामने आने के बाद जिले के 75 अनुसंधानकर्ताओं के वेतन पर एक साथ रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। इन सभी पुलिस पदाधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा के अंदर मामले के निष्पादन में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।उपेन्द्र नाथ वर्मा, एसपी, पूर्णिया
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