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SSC MTS Exam 2024: एसएससी एमटीएस परीक्षा घोटाले में बड़ा खुलासा, फर्जीवाड़े की पोल खोलने वाले हाकिम भी फर्जी

पूर्णिया एसएससी एमटीएस परीक्षा घोटाला (SSC MTS Exam 2024) मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। परीक्षा केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट (समन्वयक/हाकिम) सुरेश प्रसाद यादव फर्जी निकले हैं। उनके खिलाफ साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है। जांच में पता चला है कि सुरेश प्रसाद यादव नाम का कोई प्रोफेसर पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में प्रतिनियुक्त नहीं है।

By Rajeev Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 22 Nov 2024 01:58 PM (IST)
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एसएससी एमटीएस परीक्षा घोटाले में बड़ा खुलासा, फर्जीवाड़े की पोल खोलने वाले हाकिम भी फर्जी
राजीव कुमार, पूर्णिया। SSC MTS Exam 2024 13 नवंबर को पूर्णिया डिजिटल परीक्षा केंद्र पर कर्मचारी चयन आयोग मल्टी टास्किंग (एसएससी एमटीएस) की परीक्षा में फर्जीवाड़े की शिकायत करने वाले केंद्र पर तैनात मजिस्ट्रेट (समन्वयक/हाकिम) भी फर्जी निकले। उन्हीं की शिकायत पर साइबर थाने में केस किया गया है। मामले में सुरेश प्रसाद यादव (64) द्वारा दर्ज कराए गए केस में कहा गया है कि वह 2018 से पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में प्रतिनियुक्त हैं।

वे पूर्णिया विश्वविद्यालय के ही आरएल कॉलेज, माधवनगर (भवानीपुर) में समाजशास्त्र के प्रोफेसर हैं। इधर, पूर्णिया विश्वविद्यालय एवं परीक्षा विभाग इस बात से इनकार कर रहा है कि सुरेश प्रसाद यादव नामक कोई प्रोफेसर परीक्षा विभाग में प्रतिनियुक्त हैं। आरएल कॉलेज, माधवनगर के प्राचार्य मु. कलाम ने भी कहा है कि उनके यहां किसी भी विषय में इस नाम का कोई प्रोफेसर नहीं है। पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एके पांडेय भी यही बात कहते हैं।

कौन है सुरेश प्रसाद यादव?

सुरेश प्रसाद यादव को ही कर्मचारी चयन आयोग, मध्य क्षेत्र प्रयागराज द्वारा आयोजित मल्टी टास्किंग स्टाफ ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में छह दिनों तक तीन शिफ्टों में समन्वयक सह मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया था। पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय. के शर्मा ने एसएससी एवं टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विस) को पत्र लिखकर आनलाइन भर्ती परीक्षा के संबंध में कई जानकारियां मांगी हैं।

उन्होंने एसएससी मध्य क्षेत्र प्रयागराज से पूछा है कि पूर्णिया डिजीटल को परीक्षा केंद्र बनाने का आधार क्या था, किस अधिकारी की किस जांच रिपोर्ट के आधार पर यहां परीक्षा केंद्र बनाया गया, इस परीक्षा को संचालित करने की जिम्मेदारी एसएससी के किन अधिकारियों के पास थी और उनके द्वारा इस परीक्षा के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए थे। समन्वयन व उड़नदस्ता में शामिल सदस्यों के चयन का आधार/पैमाना क्या है।

अब तक हुईं सभी परीक्षाओं की जानकारी साझा करने को भी एसपी द्वारा कहा गया है। मामले में गिरफ्तार 33 आरोपितों से पूछताछ के लिए न्यायालय ने पांच दिनों का समय भी दे दिया है।

पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में सुरेश प्रसाद नाम का कोई प्रतिनियुक्त नहीं है। इस संबंध में यह जांच भी कराई जाएगी कि कैसे एसएससी द्वारा इस नाम के व्यक्ति को परीक्षा केंद्र पर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात कर दिया गया। - प्रो. पवन कुमार झा, कुलपति, पूर्णिया विश्वविद्यालय

इस बात की जांच कराई जाएगी कि पूर्णिया डिजिटल पर जिस व्यक्ति को केंद्र पर एसएससी द्वारा मजिस्टेट्र के रूप में तैनात किया गया था, उसका आधार क्या था! साथ ही उसके द्वारा दर्ज प्राथमिकी में जो बात कही गयी है, उसकी सच्चाई क्या है। - कार्तिकेय. के शर्मा, एसपी, पूर्णिया।

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